Editorial: हरियाणा में अपराधियों पर लगे अंकुश, डीजीपी के प्रयास उचित
- By Habib --
- Monday, 09 Oct, 2023
Curb on criminals in Haryana
Curb on criminals in Haryana हरियाणा पुलिस के नए महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने पदभार संभालने के साथ ही पुलिस प्रणाली में जिस प्रकार से सुधार शुरू किए हैं, वे प्रशंसनीय हैं। वास्तव में पुलिस विभाग की सक्षमता राज्य में कानून की स्थिति को बिगड़ने से रोकती है, एक राज्य में अगर कानून का शासन होगा तो वहां जीवन के विकास की सभी संभावनाएं विकसित होंगी।
हरियाणा में बीते कुछ समय के दौरान अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं, हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अनेक प्रभावी कदम उठाते हुए जहां पुलिस तंत्र को प्रभावी बनाया है, वहीं अब डायल 112 नाम से सेवा शुरू की है, जिसके तहत दावे अनुसार 8 मिनट के अंदर एक पुलिस टीम अपराध स्थल पर पहुंचती है और कार्रवाई करती है। हालांकि नए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने पुलिस प्रणाली को चाकचौबंध करने के लिए अनेक नए कदम उठाने शुरू किए हैं, जोकि यकीनन कारगर साबित होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तक पुलिस प्रणाली में न अधिकारियों ने और न ही राजनेताओं ने इस तरह के कदमों के बारे में आग्रह किया है।
पुलिस महानिदेशक कपूर ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि खूंखार अपराधियों, गैंगस्टरों और हिस्ट्रीशीटर बदमाशों को महिमा मंडित करने से परहेज किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ऐसे अपराधियों के अहम पर चोट की जाए, ताकि वे पुलिस के बिछाए जाल में आसानी से फंस सकें। दरअसल, होता यह आया है कि एक सामान्य अपराधी से लेकर गैंगस्टर तक को पुलिस इस तरह से पेश करती है, जैसे उसने कुछ भी असामान्य न किया हो। बेशक आरोप के मामले में पुलिस को ऐसे रवैये से खुद को रोकना चाहिए लेकिन जब काफी हद तक यह खुलासा हो चुका हो कि फलां अपराधी है, इसके बावजूद उससे विशेष बर्ताव अपराधी के हौसले बढ़ाता है। अब महानिदेशक ने जहां अपराधियों को महिमा मंडित कर पेश करने वाले पुलिस अधिकारियों से नाराजगी जाहिर की है वहीं अन्य रूपरेखा भी तैयार की हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में अपराध का बोलबाला बहुत बढ़ गया है। अपराध की वारदातें गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत के इलाके में इतने बड़े पैमाने पर घट रही हैं कि कानून का शासन जैसे खत्म ही हो गया है। यह भी सच है कि इन जिलों में गैंगस्टर सक्रिय हैं, अपराध के बाद उन्हें एनसीआर के बड़े शहरों के साथ-साथ दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में छिपने की आसानी से जगह मिल जाती है। अब हरियाणा पुलिस नए महानिदेशक के नेतृत्व में अगर ऐसे नेटवर्क को तोडऩे के लिए सक्रिय है तो यह सही कदम है और जनता को इसमें पुलिस का साथ देना चाहिए। यह जरूरी है कि पुलिस ऐसे संगठित अपराधों को रोकने तथा बदमाशों का ऐसा रैकेट ध्वस्त करने के लिए काम करे। मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री की ओर से नशा तस्करों पर कार्रवाई के लिए पुलिस को फ्रीहैंड दिया हुआ है, उसी तरह अब गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीजीपी ने अपनी फोर्स को छूट दी है। वैसे यह जरूरी है कि ऐसी छूट पर अनुशासन की नजर भी रहे, क्योंकि पुलिस की पहली मार मासूम पर पड़ती है, अपराधी अपने खूनी इरादों से बच निकलता है लेकिन एक आम आदमी पुलिस की गिरफ्त में आ जाता है।
डीजीपी ने एक और नया आदेश पुलिस विभाग को दिया है, वह गांवों में ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने का है, जोकि दादागिरी तथा आवारागर्दी करके अन्य लोगों को परेशान करते हैं एवं कानून और व्यवस्था को बाधित करते हैं। उन्होंने कहा है कि जो लोग अलग-अलग स्थानों पर झुंड बनाकर खड़े होते हैं और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं, उनके विरुद्ध भी सख्ती से निपटा जाए। मालूम हो, स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों के आसपास तो अपराधी तत्व नजर आते ही हैं, घरों, मुहल्लों, सडक़ों, मार्केट, पार्कों आदि में भी ऐसे तत्व भरपूर मिलते हैं, जोकि बच्चियों और युवतियों से छेड़छाड़ करते हैं, उनके साथ अपराध को अंजाम देते हैं।
पुलिस के लिए यह जरूरी है कि वे प्रत्येक कोने में अपनी मौजूदगी का अहसास कराए। देखने को मिलता है कि पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही महिलाओं, बच्चियों के साथ अपराध घट रहे होते हैं, इसके पीछे समर्थन होता है संबंधित पुलिस थाने में बैठे पुलिस कर्मियों का। डीजीपी शत्रुजीत कपूर के नाम में शत्रुजीत है, यानी अपराध और अपराधियों के खिलाफ जंग में जीत उसी की होगी, जोकि इसका मनोबल रखेगा। उन्होंने थाने में फरियादी से अच्छा व्यवहार करने और पारदर्शी तरीके से कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। वास्तव में इन निर्देशों का प्रतिफल तब सामने आएगा, जब दूरदराज के थाने में बैठा एक पुलिसकर्मी भी डीजीपी की भावनाओं को समझ कर काम करेगा। डीजीपी को ऐसे निर्देशों के साथ उनके व्यवहार में लागू होने पर नजर बनाकर रखनी होगी।
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