कोंडावीडु में योगि वेमना जयंती समारोह संपन्न
Yogi Vemana Jayanti
(अर्थ प्रकाश/ बोम्मा रेडड्डी)
गुंटुर : Yogi Vemana Jayanti: (आंध्र प्रदेश) कोंडावीदु किला विकास समिति के संयोजक कल्ली शिवरेड्डी के नेतृत्व में कोंडावीडु किले के ऊपर में योगी वेमना जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया। विदित हो विदित हो योगी वेमाना सन 1960 में जन्मे थे जिनके कविताएं कहानी इतिहास में इनके लिखे गई कविताओं में वेद अनुसार कई ऐसे महत्वपूर्ण बातों को सरल भाषा में लोगों को पहुंचने तक बहुत अच्छा काम किया एक शोक में एक पेज की बात को खाने का जो उनकी कविताओं में जड़ी हुई होती थी
एक अनपढ़ व्यक्ति भी उसे कविताओं के आधार पर धर्म नीति राजनीति नित न्याय एवं जीवन विप से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों को अपने योगी वेमाना जीविता चरित्र में बताया गया जैसे की
"" उप्पू कप्पूरंभु चुडू वक्का पोलिकाई यूंन्डू' ।
चूढ़- चूढ़ा रुचु लु जाड़ वे-रैय्या
विश्वदाभी रामा विनुरवेमा ॥ ""
इस कविता में हिन्दी में भावार्थ यह है की
""नमक और कपूर देखने में एक जैसा दिखते हैं लेकिन दोनों के स्वाद वा स्वभाव अलग अलग हैं ""
उसे कार्यक्रम में इस तरह की कविताओं कीकवियों द्वारादिन भरप्रवाह चला रहाऔर इसमें राज्य के विभिन्न कवि वरिष्ठ पत्रकार संपादक भी भाग लिया
इस अवसर पर, पलनाडु जिला वन वा प्रशासनिक अधिकारीयो द्वारा सहयोग सराहनीय रहा किले के योगी वेमना मंडप में वेमना प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। श्रीरामचन्द्र राव ने माल्यार्पण अर्पित की। रामचन्द्र राव की अध्यक्षता में आयोजित वेमना जयंती सभा में मुख्य अतिथि, प्रमुख कवी संपादक और उपाध्याय श्रीमोदुगुला रविकृष्ण ने कहा कि वेमना के भजन कीर्तन अन्नन्त हैं कहा और वेमना की कविताएँ समाज के लिए सदैव दिशा सूचक मार्गदर्शक बनकर शिक्षित व अशिक्षित को भी खड़े रहने की शक्ति प्रधान रखती हैं कहा।
उन्होंने आगे कहा कि वेमना ने उन्हें उपदेश दिया था कि भले ही वह " मनुष्य आस्तिक हो, संम्पूर्ण अंधविश्वासी न बनें " और खतरे में साथी का समर्थन करना ही सच्ची धर्मपरायणता है कहा।
उन्होंने याद किया कि वेमना प्रमुख समाज सुधारकों में से एक थे जिन्होंने हमारे समाज के नैतिक व्यवहार को आकार दिया। इस बैठक की अध्यक्षता करने वाले पलनाडु जिले के वन अधिकारी वा कवी रामचंद्र राव ने कहा कि आज के युवाओं को वेमना की शिक्षाओं को समझना चाहिए और उनका अभ्यास करना चाहिए।
कोंडावीडु किला विकास समिति के संयोजक कल्ली शिवरेड्डी ने किले में तेलुगु के इतिहास में वेमना के स्थान के बारे में बताया। अब तक किले में विकास कार्यक्रमों के बारे में बताया गया है कि कर्नाटक राज्य में 1970 से प्रशासनिक ढंग से योगीवेमाना जयंती मनाया जाता है। और आंध्र प्रदेश में भी शासन के निर्देश अनुसार यहां भी कवि योगवेमना की जयंती मनाने की परंपरा को प्रारंभ किया गया है ।
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