यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा के जांच को लेकर योगी सरकार का बड़ा कदम, मांगे गए सबूत
UP Police Constable Paper Leak
UP Police Constable Paper Leak: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में छात्रों द्वारा पेपर आउट होने के आरोपों की जांच की जा रही है. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने नोटिस जारी कर पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों से पेपर लीक होने के सुबूत मांगे हैं. नोटिस में 17 और 18 फरवरी को आयोजित हुई कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने के किसी भी साक्ष्य को भर्ती बोर्ड के ईमेल board@uppbpb.gov.in पर भेजने को कहा गया है. सुबूत भेजे जाने के लिए 23 फरवरी 2024 शाम 6 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है.
पेपर लीक होने की खबरों से लाखों अभ्यर्थी नाराज हैं. वह एग्जाम रद्द करने की मांग कर रहे हैं. प्रदेश की राजधानी में सैकड़ो की संख्या में अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं. लखनऊ के ईको गार्डन में यूपी पुलिस के पेपर देने वाले बच्चे धरने पर बैठे हैं. इनका कहना है कि पेपर लीक हुआ है और दोबारा यूपी पुलिस का पेपर होना चाहिए. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि टेलीग्राफ पर मैसेज आया था और बताया गया था कि पेपर लीक हो गया है. उनका आरोप है कि 9 बजकर 16 मिनट पर टेलीग्राफ पर पेपर आउट हो गया था.
नोटिस में कही गई यह बात
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने नोटिस जारी कर कहा है कि, ‘उ.प्र. पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की दिनांक 17.02.2024 एवं 18.02.2024 को आयोजित लिखित परीक्षा के सम्बन्ध में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं प्रिन्ट मीडिया में कुछ प्रश्न पत्रों के सम्बन्ध में सूचनायें वायरल होने की खबरे प्रकाशित हो रही है तथा इस कम में अभ्यर्थियों द्वारा विभिन्न जनपदों में प्रत्यावेदन प्रस्तुत किये जा रहे है.’
नोटिस में आगे लिखा है कि, ‘सर्व साधारण एवं अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि इस विषय में यदि कोई प्रत्यावेदन प्रस्तुत करना है, तो सुसंगत प्रमाणों एवं साक्ष्यों के साथ अपना प्रत्यावेदन. जिसमें नाम, पता, मोबाइल नम्बर एवं आधार नम्बर अंकित हो, ई-मेल आई०डी०- “board@uppbpb.gov.in” पर दिनांक 23.02.2024 समय सांय 6:00 (1800 HRS) बजे तक प्रत्येक दशा में प्रेषित करना सुनिश्चित करें, ताकि प्रेषित प्रत्यावेदन एवं प्रमाणों / साक्ष्यों का अवलोकन / परीक्षण करने के उपरान्त निर्णय लेते हुए अभ्यर्थियों के हित में अग्रेतर कार्यवाही की जा सके.’
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