Yogi government will investigate the minerals in the bed of Gomti and Ghaghra rivers

गोमती, घाघरा नदियों के तल में उपखनिजों की जांच कराएगी योगी सरकार

Yogi government will investigate the minerals in the bed of Gomti and Ghaghra rivers

Yogi government will investigate the minerals in the bed of Gomti and Ghaghra rivers

Yogi government will investigate the minerals in the bed of Gomti and Ghaghra rivers- लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नदियों के जलस्तर में सुधार तथा उसके अंदर व्याप्त खनिजों की मात्रा को भी संरक्षित करने के लिहाज से प्रदेश सरकार ने कई सकारात्मक प्रयास किए हैं। इसी क्रम में अब खनन विभाग के दिशा-निर्देश पर बाराबंकी जिले में घाघरा व गोमती नदी के तल में स्थित उपखनिजों की स्थिति का पता लगाने के लिए एक व्यापक सर्वे को मूर्त रूप देने की योजना क्रियान्वित की जा रही है।

इस सर्वे के जरिए घाघरा किनारे 7 व गोमती नदी किनारे के 2 क्षेत्रों समेत कुल 9 क्षेत्रों में नदी तल में स्थित उपखनिजों की स्थिति का पता लगाया जाएगा। इस सर्वे से निर्धारित किया जा सकेगा कि पिछले कुछ वर्षों में नदियों के तल स्थित उपखनिजों की स्थिति में क्या बदलाव आए हैं और साथ ही प्रतिपूर्ति की जरूरतों के बारे में भी निर्धारित किया जा सकेगा।

सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सर्वे के लिए घाघरा नदी में 34.91 व गोमती नदी में 12.62 हेक्टेयर समेत कुल 47.53 हेक्टेयर का क्षेत्र चिह्नित किया गया है। इन सभी क्षेत्रों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सर्वे करवाया जाएगा, जिसकी फाइंडिंग्स को बाराबंकी के जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट की डीएसआर रिपोर्ट के अंतर्गत संकलित किया जाएगा।

इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए खनन विभाग द्वारा नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर एजुकेशनल ट्रेनिंग (एनएबीईटी) व क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) से मान्यता प्राप्त एजेंसी को कार्य सौंपा जाएगा। एजेंसी के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो गई है और ई-टेंडर पोर्टल के माध्यम से इस कार्य आवंटन के निर्धारण को मूर्त रूप दिया जाएगा।

इस सर्वे को कराने के लिए एजेंसियों के सामने जो शर्त रखी गई है, उसमें कई दिशा-निर्देशों के साथ ही यह बात भी पूर्ण स्पष्टता के साथ जारी की गई है कि प्रदेश में रिवर बेड्स में उपखनिजों की मॉडिफिकेशन व रीप्लेनिशमेंट स्टडी को अंजाम देने के लिए प्रति हेक्टेयर 14,514 रुपए अधिकतम दिए जाएंगे। ऐसे में, टेंडर पाने की इच्छुक एजेंसियों को इस शुल्क सीमा के अंदर ही निहित कार्यों को अंजाम देना होगा।

इस निविदा में भाग लेने के लिए ई-टेंडर पोर्टल पर आवेदन किया गया है। ई टेंडर पोर्टल पर 25 अक्टूबर से लेकर 1 नवंबर तक इच्छुक एजेंसियों से आवेदन मांगे गए हैं। इस प्रक्रिया में भाग लेने वाली एजेंसियों को बतौर आवेदन शुल्क 1,100 रुपए जमा कराने होंगे और इस निविदा की ईएमडी 14,000 रुपए रखी गई है।

इस कार्य को अंजाम देने के लिए एजेंसी के पास कम से कम संबंधित कार्यों को करने के लिहाज से 3 वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है। इन सभी बातों के निर्धारण के उपरांत एजेंसियों को सर्वे का कार्य सौंपा जाएगा, जो कि उत्तर प्रदेश शासन के रूलबुक के मुताबिक होगा। जिलाधिकारी बाराबंकी व खनन विभाग इस प्रक्रिया को मूर्त रूप देने के लिए उत्तरदायी होंगे।