अतीक को साबरमती जेल से यूपी लाने में इतना खर्च करती है योगी सरकार, डीजल पर ही लग जाते हैं लाखों

अतीक को साबरमती जेल से यूपी लाने में इतना खर्च करती है योगी सरकार, डीजल पर ही लग जाते हैं लाखों

Sabarmati To Prayagraj Atique Ahmed

Sabarmati To Prayagraj Atique Ahmed

प्रयागराज: Sabarmati To Prayagraj Atique Ahmed: करीब तेरह सौ किलोमीटर दूर साबरमती जेल से माफिया अतीक(mafia atiq) को प्रयागराज लाने और वापस पहुंचाने में पुलिस विभाग को लाखों रुपये की चपत लग रही है। पुलिसकर्मियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है वो अलग। इसी तरह अशरफ को बरेली जेल से लाने और वापस पहुंचाने में पुलिस विभाग को लाखों रुपये खर्च करना पड़ रहा है।

1 महीने में 25 लाख की चपत (25 lakh lost in 1 month)

चर्चा है कि इन दोनों माफिया भाइयों की वजह से प्रयागराज पुलिस को पिछले महीने भर में 25 लाख रुपये से ज्यादा की चपत लग चुकी है। अतीक अहमद को जून 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी से दूर गुजरात की साबरमती जेल में बंद किया गया है। इसी तरह जुलाई 2020 में गिरफ्तारी के बाद उसके भाई अशरफ को करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर दूर बरेली जेल में रखा गया है।

28 मार्च को कोर्ट में हुई थी पेशी (Court was produced on March 28)

दोनों भाइयों को 16 दिन पहले उमेश पाल अपहरण कांड में अदालत द्वारा निर्णय सुनाए जाने के दौरान पेशी के लिए 27 मार्च को प्रयागराज लाकर नैनी जेल में रात भर रखा गया था। फिर 28 मार्च को अदालत में पेशी के बाद वापस साबरमती और बरेली जेल पहुंचा दिया गया। अब उमेश पाल हत्याकांड में बी वारंट लेकर पुलिस टीम उन दोनों को बरेली और साबमरती जेल से ले आई है।

जिसमें धन के साथ पुलिस का श्रम भी लग रहा है। एक पुलिस अधिकारी का कहना था कि अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाने और वापस ले जाने में तकरीबन 26 सौ किलोमीटर का फासला तय करना पड़ रहा है। काफिले में दो प्रिजन वैन है और बोलेरो जैसी दो छोटी गाड़ियां हैं।

प्रिजन वैन एक लीटर डीजल में औसतन पांच किलोमीटर चलती है। दो प्रिजन वैन में तकरीबन 95 हजार रुपये का डीजल लगा एक बार लाने और वापसी में। दो छोटी गाड़ियों में औसतन 12 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से 40 हजार रुपये से ज्यादा व्यय हुआ। यानी गाड़ियों पर एक लाख 35 हजार रुपये से ज्यादा ईधन में एक फेरे में खर्च हुआ।

अगर इसमें सुरक्षा ड्यूटी पर लगने वाले एक डिप्टी एसपी, दो इंस्पेक्टर समेत 35 पुलिसकर्मियों का वेतन और यात्रा भत्ता भी जोड़ लिया जाए तो यह छह लाख रुपये से ज्यादा होता है। ऐसे में साबरमती से प्रयागराज के बीच आवाजाही में पुलिस विभाग का आठ लाख रुपये से ज्यादा का व्यय अतीक के नाम पर हो रहा है। अशरफ के लिए यह एक फेरे का खर्च तीन लाख रुपये से ज्यादा होता है।

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