Editorial: योग और लोकतंत्र से भारत की वैश्विक मंच पर बढ़ी साख
- By Habib --
- Thursday, 22 Jun, 2023
Yoga increased India credibility on the global stage
Yoga increased India credibility on the global stage प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जी-20 के देशों के प्रतिनिधियों को अगले वर्ष भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखने के लिए आमंत्रित करना विश्व को लोकतंत्र के जन्मस्थल और उसकी जीवंतता से परिचित कराने का सराहनीय प्रयास है। आज विश्व के अनेक देशों में अर्ध या पूर्ण तानाशाही शासन है। जनता के हित और उनके अधिकार रौंदे जा रहे हैं। महिलाओं का जीवन नारकीय है और पाबंदियों के बीच रहकर उन्हें जैसे-तैसे जिंदा रहना पड़ता है। अनेक देशों में सेना ही सर्वोच्च है और वह अपने फायदे को देखकर ही कानून बनाती, बिगाड़ती है। लेकिन भारत में लोकतंत्र की जीवंतता का उदाहरण है कि यहां प्रत्येक को बोलने और कानून एवं नियमों के मुताबिक अपने जीवन को आगे बढ़ाने का अधिकार हासिल है।
ऐसा लोकतंत्र में ही संभव है, लोकतंत्र का जिक्र चुनाव के वक्त ही होता है, लेकिन जिस देश भूमि ने सैकड़ों वर्षों तक किसी की पराधीनता को झेला है, उस जगह के लोग आखिर कैसे लोकतंत्र के महान विचार को भूल सकते हैं। इसलिए लोकतंत्र एक जीवन प्रणाली है, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी जब यह आह्वान करते हैं कि भारत में आकर लोकतंत्र का उत्सव देखें तो वे सिर्फ चुनाव की नहीं अपितु संपूर्ण भारतीय संस्कृति के दर्शन का आग्रह कर रहे हैं।
आजकल प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की यात्रा पर हैं, वे विश्व के सबसे शक्तिशाली और लोकतांत्रिक देश में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। लेकिन संयोग से जी-20 के देशों के प्रतिनिधियों की आजकल भारत में बैठकों का दौर भी जारी है, इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी का रिकार्डेड बयान सुनाया गया। यानी पूरा विश्व भारत और उसके संदर्भ में हो रही चर्चाओं को देख, सुन और प्रतिभागी बन रहा है। यह भी गौरवान्वित कर देने वाला पल रहा जब अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यानी 21 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में 180 देशों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने योग किया। योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान पहले से हासिल थी लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से इसे अंतर्राष्ट्रीय दिवस का दर्जा देने के बाद इसकी लोकप्रियता अपने चरम पर है।
योग के माध्यम से ही विश्व भारत के और नजदीक आ गया है। इस बार सबसे ज्यादा देशों के लोगों की भागीदारी रही और इसका गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया। निश्चित रूप से यह विश्व में भारत के सकारात्मक सरोकारों की बढ़ती धमक का भी परिचायक है। भारत ने विश्व के प्रति वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखी है, उसे एक परिवार माना है। ऐसे में योग के जरिये इस भावना को और सुदृढ़ कर दिया गया है। योग के महत्व से दुनिया का प्रत्येक देश के नागरिक परिचित हो चुके हैं और इसके नियमित अनुपालन से होने वाले फायदों को भी आत्मसात कर रहे हैं। विश्व में नैतिकता और सिद्धांतवादी सोच को आगे बढ़ाने एवं जीवन मूल्यों के अनुसार जीने की प्रवृति योग के माध्यम से और गहरी होती जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की यह पहली राजकीय यात्रा है। राष्ट्रपति जो बाइडेन के आग्रह पर वे अमेरिका पहुंचे हैं। इस समय अमेरिका ऐसी परिस्थितियों से गुजर रहा है, जब उसे चीन के बढ़ते प्रभुत्व का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ समय से डांवाडोल स्थिति में हैं, वहीं भारत ने अपने संसाधनों को बढ़ाया है। इसके बाद से यह व्यापार की नजर से बेहतरीन देश बनकर सामने आया है। तब अमेरिकी कंपनियों की भारत में बढ़ती दिलचस्पी और अमेरिकी सरकार की ओर से भारत के प्रधानमंत्री की यात्रा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना यह बताता है कि विश्व भर के देशों की सूची में भारत की पोजीशन कहां है और वह कितनी तेजी से नए कीर्तिमान स्थापित करने की तरफ बढ़ रहा है।
वास्तव में वह समय कभी नहीं आता जब यह कहा जाता है कि अब देश विकास के लिए आगे बढ़ेगा या फिर यह कि देश अब विकसित हो चुका है। यह एक सतत प्रक्रिया है, आजादी के बाद अमेरिका से लाल गेहूं मंगवाकर अपने नागरिकों का पेट भरने वाला देश अब खुद दुनिया का सबसे बड़ा अन्न उत्पादक देश है और विकास की यह यात्रा सभी सरकारों से होकर यहां तक पहुंची है। मौजूदा दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व के देशों की भारत के प्रति धारणा को पूरी तरह से बदल दिया है। देश के अंदर लोकतंत्र को खतरा होने का आरोप लगाया जाता है। निश्चित रूप से अगर देश में ऐसा होता तो किसी को इतना बड़ा आरोप लगाने का भी मौका नहीं मिलता। भारत अनंत संभावनाओं से भरपूर देश है और यहां आज के समय में सबसे बड़ी जरूरत सकारात्मक होकर जीवन जीने की है। यह सकारात्मकता योग से आती है, योग हमारी जीवन शैली का अभिन्न हिस्सा बनना चाहिए।
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