दो साल बाद होने जा रही यात्रा...चार करोड़ से ज्यादा कांवड़िये आने की संभावना, 10 हजार से पुलिसकर्मी होंगे तैनात
दो साल बाद होने जा रही यात्रा...चार करोड़ से ज्यादा कांवड़िये आने की संभावना, 10 हजार से पुलिसकर्मी
देहरादूनः उत्तराखंड में 14 जुलाई से शुरू होने वाले कांवड़ यात्रा में इस साल उत्तर भारत से 4 करोड़ कांवड़ियों के आने की संभावना जताई जा रही है। सोमवार को देहरादून में आयोजित अंतर-राज्य समन्वय बैठक के दौरान कांवड़ियों की अनुमानित संख्या पर चर्चा की गई। अगर यह अनुमान सही साबित होता है तो यह उत्तराखंड में कांवड़ियों की यह सबसे बड़ी संख्या होगी। कांवड़ियों की इतनी भारी संख्या उत्तराखंड में जारी चार धाम यात्रा के मद्देनजर आने की संभावना है। चार धाम यात्रा अक्टूबर के मध्य तक जारी रहेगी।
बता दें कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के चार हिमालयी मंदिरों ने इस सालाना तीर्थयात्रा के 60 दिनों से भी कम समय में 24.3 लाख तीर्थयात्रियों की मेजबानी की है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में कांवड़ यात्रा स्थगित कर दी गई थी। हम इस साल लगभग 4 करोड़ तीर्थयात्रियों की उम्मीद कर रहे हैं, जो 2019 में लगभग 3 करोड़ कांवड़ियों के राज्य में आए टर्नआउट से काफी ज्यादा है।
सोमवार को देहरादून पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़ और खुफिया ब्यूरो के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया। डीजीपी कुमार ने कहा, 'बैठक के दौरान तीर्थयात्रियों की आवाजाही, यातायात मार्गों और भीड़ प्रबंधन जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।' कांवड़ यात्रा सावन के हिंदू महीने में जुलाई-अगस्त के दौरान होती है। यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से बड़ी संख्या में कांवरिया गंगाजल (गंगा जल) लेने हरिद्वार आते हैं। इसके बाद कांवरिया अपने गृह नगरों को लौट जाते हैं और वहां स्थानीय शिव मंदिरों में गंगाजल चढ़ाते हैं।