हरियाणा में हैरान करने वाली घटना, VIDEO; 4th क्लास के बच्चे ने आत्महत्या की, दादी ने कहा था- बेटा पढ़ ले, कमरे में गया तो लोअर के नाड़े से फांसी लगा ली
Yamunanagar 10 Years Child Suicide
Yamunanagar 10 Years Child Suicide: अब कैसा जमाना आ गया है? बच्चे भी आत्महत्या कर रहे हैं। बड़ों के जैसे इन्हें भी बातें बुरी लग रही हैं, किसी काम के लिए टोका जाना या कुछ समझाया जाना नागवार गुजर रहा है। ये भी तनाव में आ रहे हैं.... ये सब क्या है? दरअसल, हरियाणा के यमुनानगर की एक घटना ने हैरान करके रख दिया है। यहां 4th क्लास में पढ़ने वाले 10 साल के एक बच्चे ने आत्महत्या कर ली।
बच्चे ने लोअर के नाड़े से अपने गले को दबाया और जान दे दी। बच्चे के इस कदम का परिवार में किसी को भी अंदाजा नहीं था। बच्चे की मौत पर अब परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस छानबीन करते हुए बनती कार्रवाई कर रही है।
दादी ने कहा था- बेटा पढ़ ले, कमरे में गया और जान दे दी
मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरी घटना यमुनानगर के जगाधरी स्थित अमर विहार कॉलोनी की है। जहां शुक्रवार शाम बच्चे की दादी ने जब उसे पढ़ने बैठने के लिए बोला तो वह कमरे में चला गया और कमरे में आकर पढ़ाई की जगह लोअर के नाड़े को निकालकर फांसी लगा ली। इधर, थोड़ी देर बाद जब दादी बच्चे के कमरे में पहुंची तो वह फांसी लगाए हुए मृत पड़ा हुआ था। यह देख दादी के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत परिवार के अन्य लोगों को आवाज लगाई। जिसके बाद बच्चे को फंदे से हटाकर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
दादी ने सोचा भी नहीं होगा, पोता ऐसा कर लेगा
फिलहाल, दादी के दिमाग में अब यह जरूर चल रहा होगा कि उन्होंने क्यों बच्चे से पढ़ने के लिए कहा? न ही वह कहतीं और न ही वह कमरे में जाकर इस तरह का कदम उठाता। बच्चे को पढाई के लिए समझाना दादी और परिवार को भारी पड़ गया।
लेकिन सवाल यह है कि, पढ़ाई के नाम पर बच्चे ने इस तरह से जान क्यों दे दी? बच्चे के दिमाग में आत्महत्या का सवाल कहां से आया? उसके दिमाग में कुछ और तो नहीं चल रहा था? या फिर वह पढ़ाई को लेकर ही तनाव में था? या फिर कुछ और? बहराल, बच्चे के इस कदम को लेकर कई सवाल हैं और जरुरत है कि अब मां-बाप अपने बच्चों को लेकर सजग रहें। क्योंकि अब बच्चों में समझदारी कुछ ज्यादा ही बढ़ती जा रही है। आजकल छोटे बच्चों को भी समझाना भारी पड़ सकता है। सवाल यह भी है कि, यह आत्महत्या और अन्य कई बेफिजूल की चीजें बच्चे टीवी और मोबाइल से तो नहीं सीख रहे?
रिपोर्ट- राकेश भारतीय