यमुना नदी का पानी या सियासी तूफान? दिल्ली चुनाव में तेज हुई पानी पर जंग!
- By Arun --
- Friday, 31 Jan, 2025
Yamuna River Water or Political Storm Delhi Elections Heat Up Over Water Dispute
नई दिल्ली, 31 जनवरी: Yamuna Water Dispute Heats Up in Delhi Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के बीच यमुना नदी का पानी सियासी बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना में जहरीला पानी छोड़ने का आरोप लगाया, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
सौरभ भारद्वाज ने चुनाव आयोग को दी चुनौती
AAP के ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट से उम्मीदवार सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को घेरा। उन्होंने कहा, "मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को यमुना का 7 पीपीएम अमोनिया युक्त पानी 2-3 दिन पीकर देखना चाहिए। इससे साफ हो जाएगा कि पानी जहरीला है या नहीं।" भारद्वाज ने दावा किया कि दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ ने भी पत्र में यह पुष्टि की है कि हरियाणा से आने वाले पानी में 5-7 पीपीएम अमोनिया मौजूद है।
AAP का BJP पर पलटवार
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा अपने ही जाल में फंस गई है। उन्होंने कहा, "बीते 5 वर्षों से भाजपा दावा कर रही थी कि अरविंद केजरीवाल दिल्लीवासियों को जहरीला पानी पिला रहे हैं, लेकिन अब उनके ही सबसे बड़े नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कह रहे हैं कि वह पिछले 11 वर्षों से यमुना का पानी पी रहे हैं और पूरी तरह स्वस्थ हैं।" भारद्वाज ने इसे अरविंद केजरीवाल और दिल्ली जल बोर्ड के लिए सबसे बड़ा प्रमाण बताया कि वे गुणवत्तापूर्ण और शुद्ध पानी उपलब्ध करा रहे हैं।
AAP का बड़ा दावा
AAP नेता ने कहा, "हमने कभी यह नहीं कहा कि दिल्लीवालों को जहरीला पानी दिया गया। चाहे प्रधानमंत्री हों, चायवाले हों, ऑटोरिक्शा चालक हों या IAS अधिकारी, हम किसी को भी जहरीला पानी नहीं देंगे। हम हरियाणा सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे, लेकिन दिल्लीवासियों को अमोनिया युक्त पानी नहीं पीने देंगे।"
साजिश या संयोग
AAP ने दावा किया कि हरियाणा वाकई 7 पीपीएम अमोनिया वाला पानी भेज रहा था, लेकिन जब इस मुद्दे पर बवाल मचा तो पानी की गुणवत्ता सुधार दी गई। सौरभ भारद्वाज ने कहा, "इसका मतलब साफ है कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि जानबूझकर किया गया था। जब बीजेपी की पोल खुल गई, तब उन्होंने सफाई देनी शुरू कर दी। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या कदम उठाता है।"
राजनीतिक माहौल गर्म, चुनावी जंग तेज
यमुना का पानी अब चुनावी मुद्दा बन चुका है। एक ओर AAP हरियाणा सरकार पर हमलावर है, तो दूसरी ओर BJP इस मामले को सियासी हथकंडा बता रही है। चुनावी माहौल में इस मुद्दे का क्या असर होगा, यह तो 5 फरवरी के मतदान के बाद ही साफ होगा।