जिन्ना के पाकिस्तान के ना-पाक इरादे फिर हुए जग जाहिर
Pakistan's evil intentions became public once again to Jinnah
अमेरिका ने भी इस्लामी आतंकवाद की खुलकर की आलोचना
हाल ही में हमारे देश के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के नापाक इरादों की पोल खोलते हुए बताया की पाकिस्तान में कई ऐसे लोग हैं जो खुलकर यह स्वीकार करते हैं कि वे भारत में अशांति फैलाने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल हैं। उन्होंने एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद के मामले में कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा यह कोई आरोप नहीं है, बल्कि खुद पाकिस्तान के कुछ लोग सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार करते हैं कि वे भारत में आतंक फैला रहे हैं। यह कोई अंदाज़ा नहीं, बल्कि एक सच्चाई है, जिसे वे गर्व से बताते हैं। जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है।
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल है कनाडाई नागरिक है ये पहले पाकिस्तानी सेना में कैप्टन की रैंक पर था। ये कनाडा में बिजनेस करता था। उसी के जरिए उसने डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई की रेकी करने के लिए भेजा था। राणा मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था और इस साजिश को अंजाम देने के लिए उसे पाकिस्तानी आकाओं का पूरा सहयोग मिला था।
पिछले महीने अमेरिका की खुफिया प्रमुख की डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (DNI) तुलसी गबार्ड भारत दौरे पर आयीं थी। अपने भाषण में उन्होंने पाकिस्तान का उल्लेख करते हुए उसे आतंकवाद फैलाने का दोषी ठहराया। तुलसी ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित इस्लामी आतंकवाद पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह इस्लामी आतंकवाद न केवल भारत के लिए खतरा है बल्कि अमेरिका सहित सम्पूर्ण विश्व के लिए एक गंभीर चुनौती है। अपने भाषण में गबार्ड ने आगे कहा कि इस्लामी आतंकवाद कोई क्षेत्रीय चुनौती नहीं है, यह एक वैश्विक समस्या है, जो पाकिस्तान की सीमाओं से परे जाकर कई देशों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने भारत में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों को कट्टरपंथियों का आतंकवाद करार दिया और इसे जड़ से खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इससे एक दिन पहले अपने पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने पहले भी कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद को “एक्सपोर्ट” कर रहा है, जिससे न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपनी “स्टेट पॉलिसी” के रूप में अपनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में आतंकवाद के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
लेखक एवं राजनीतिक विश्लेषक