सीरिया में क्यों हो रहा है गृहयुद्ध, विद्रोहियों की क्या है मांग; यहां जानिए सबकुछ

Why is there a civil war in Syria

Why is there a civil war in Syria

दमिश्क: Why is there a civil war in Syria: सीरियाई विद्रोहियों ने देश के प्रमुख शहरों पर नियंत्रण करने के बाद राजधानी दमिश्क में दाखिल हो गए. इस बीच राष्ट्रपति बशर अल-असद रविवार को विमान से 'अज्ञात स्थान' के लिए रवाना हो गए, इस घटनाक्रम की पुष्टि सेना के अधिकारियों ने रॉयटर्स से की. इससे पहले शनिवार को सीरियाई विद्रोहियों ने चार शहरों, दारा, कुनेत्रा, सुवेदा और होम्स पर कब्जा कर लिया था.

विद्रोही समूह के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हसन अब्दुल गनी ने रविवार की सुबह राजधानी दमिश्क पर कब्जा करने की पुष्टि करते हुए कहा, "हमारी नजर अब राजधानी दमिश्क पर है." वहीं, राजधानी में सेना की तैनाती के कोई संकेत नहीं थे, क्योंकि विद्रोहियों ने शहर को घेर लिया था, जिसके कारण सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को विमान में सवार होकर शहर छोड़ना पड़ा.

कौन हैं सीरियाई विद्रोही?

सीरिया में सबसे शक्तिशाली विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने 27 नवंबर को राष्ट्रपति असद के शासन के खिलाफ एक हमला किया था. एचटीएस तुर्की समर्थित सीरियाई मिलिशिया के तहत आने वाले एक समूह के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिसे सीरियाई राष्ट्रीय सेना के रूप में जाना जाता है.पिछले दस दिनों में विद्रोही समूह ने 24 साल से चल रहे असद शासन को कड़ी चुनौती दी. ये सरकार विरोधी ताकतें देश को असद प्रशासन से 'आजाद' कराने का लक्ष्य बना रही हैं.

एचटीएस अल-कायदा से अलग हुआ गुट है और इसे संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन करार दिया गया है. हालांकि, हाल के वर्षों में समूह ने कहा है कि उसने अपने मूल समूह-अल-कायदा के साथ संबंध तोड़ लिए हैं.

वे किसके लिए लड़ रहे हैं?

एचटीएस नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने इस सप्ताह की शुरुआत में सीएनएन को बताया था कि उनके समूह के हमले का लक्ष्य असद शासन को 'उखाड़ना' है. अल-गोलानी आज सबसे ज्यादा पहचाने जाने वाले विद्रोहियों में से एक हैं. उन्होंने 2016 में अल-कायदा से नाता तोड़कर अपने समूह का नाम बदला था.

रायटर ने सीरिया विशेषज्ञ और ओक्लाहोमा विश्वविद्यालय में मध्य पूर्व अध्ययन केंद्र के प्रमुख जोशू लैंडिस के हवाले से कहा, "गोलानी असद से ज़्यादा होशियार रहे हैं. उन्होंने अपने आपको बदला है, नए सिरे से तैयार किया है, नए सहयोगी बनाए हैं और अल्पसंख्यकों के प्रति अपने आकर्षण के साथ आगे आए हैं."

गोलानी और उनका एचटीएस, जिसे पहले नुसरा फ्रंट कहा जाता था, सबसे शक्तिशाली विद्रोही समूह के रूप में उभरा है. इसने दस साल से भी ज़्यादा पहले शुरू हुए विद्रोह में असद प्रशासन के लिए खतरा पैदा किया.

एचटीएस का तुर्की समर्थन

हालांकि, एचटीएस और सीरियाई राष्ट्रीय सेना इस समय एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि उनके उद्देश्य अलग-अलग नहीं होंगे. तुर्की समर्थित मिलिशिया भी अपनी सीमा के पास एक बफर जोन बनाना चाहते हैं, ताकि अंकारा के साथ मतभेद रखने वाले कुर्द उग्रवादियों को दूर रखा जा सके.

हालांकि, यह सच है कि तुर्की असद के शासन को उखाड़ फेंकने की कोशिश कर रहे लड़ाकों का एक बड़ा समर्थक रहा है, लेकिन हाल के दिनों में इसने सुलह का आह्वान किया है. तुर्की अधिकारियों ने सीरिया में मौजूदा हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता के दावों को भी सख्ती से खारिज किया है.

असद शासन के पास सिर्फ 3 शहर का कंट्रोल

विपक्षी सेना के हमले के साथ ही सीरियाई सरकार के पास अब 14 प्रांतीय राजधानियों में से सिर्फ तीन, दमिश्क, लताकिया और टार्टस पर नियंत्रण रह गया है. वर्तमान में, पूर्वी सीरिया के अधिकांश हिस्से पर कुर्द नेतृत्व वाले समूह, सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस का नियंत्रण है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका का समर्थन प्राप्त है.

सीरिया के लिए आगे क्या?

अगर सीरियाई सेना विद्रोहियों का मुकाबला नहीं कर पाती है, तो बहस करने के लिए कुछ नहीं बचेगा. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक एचटीएस के प्रवक्ता हसन अब्दुल-गनी ने टेलीग्राम पर पोस्ट किया था कि विपक्षी सेना राजधानी दमिश्क को घेरकर अपने हमले के अंतिम चरण को अंजाम दे रही है.

सीरियाई विद्रोहियों ने शनिवार को होम्स के केंद्रीय शहर पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया, जो सीरिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. इसका मतलब है कि दमिश्क, असद की सत्ता और तटीय क्षेत्र के बीच का संपर्क टूट गया है.