12 मंत्रियों का इस्तीफा और अब अपनी कुर्सी पर खतरा... मार्शल लॉ लगाकर बुरे फंसे दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति

South Korea Lifts Mmartial Law

सियोल: South Korea Lifts Mmartial Law: दक्षिण कोरियाई में पिछले कुछ घंटों में बड़े फैसले लिए गए जिससे वैश्विक स्तर पर खलबली मच गयी. हालांकि, बाद में सांसदों ने इस फैसले को अस्वीकार कर दिया गया. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने पहले मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा की. इसके बाद विपक्ष लामबंद हुआ और इसका कड़ा विरोध किया. फिर सांसदों ने बहुमत से मार्शल लॉ को खारिज कर दिया.

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार नेशनल असेंबली द्वारा मार्शल लॉ को समाप्त करने के लिए सांसदों ने मतदान किया. इसमें सांसदों ने सर्वसम्मति से बहुमत से इस लॉ को अस्वीकार कर दिया. इसके बाद फिर से राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ हटाने की घोषणा की.

राष्ट्रपति ने क्यों लगाया मार्शल लॉ

राष्ट्रपति यून ने मार्शल लॉ लगाने के बारे में कहा कि सरकार को खतरे से बचाने के लिए ऐसा किया गया. विपक्षी दलों के रवैसे से सरकार 'पंगु' हो रही थी. उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों के खतरों से बचाने के लिए ये कदम उठाए. घिनौने तत्वों को नष्ट करने के लिए ये फैसला लेना पड़ा. आपातकाल की घोषणा ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी.

अपने ठिकानों पर लौट सैनिक

दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने पुष्टि की है कि मार्शल लॉ लागू करने के लिए तैनात सैनिक अपने ठिकानों पर लौट आए हैं. ये सामान्य स्थिति की ओर लौटने का संकेत है. राष्ट्रपति यून ने कहा कि मार्शल लॉ देश को राज्य विरोधी ताकतों से बचाने के लिए घोषित किया गया था जो इसके कामकाज और संवैधानिक व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, नेशनल असेंबली द्वारा इसे निरस्त करने की मांग के बाद उन्होंने सैनिकों को वापस बुला लिया.

राष्ट्रपति यून कहा, 'मैंने देश को बचाने के अपने दृढ़ इरादे के साथ मार्शल लॉ की घोषणा की. ये राज्य विरोधी ताकतों के सामने है जो देश के आवश्यक कार्य और स्वतंत्र लोकतंत्र की संवैधानिक व्यवस्था को पंगु बनाने का प्रयास कर रही हैं.' उन्होंने कहा, 'लेकिन नेशनल असेंबली की ओर से मार्शल लॉ हटाने की मांग की गई. मार्शल लॉ के मामलों को अंजाम देने के लिए तैनात सैनिकों को वापस बुला लिया.'

राष्ट्रपति यून सुक-योल के खिलाफ महाभियोग की धमकी

राष्ट्रपति यून सुक-योल द्वारा अचानक मार्शल लॉ लगाए जाने के बाद दक्षिण कोरियाई नेताओं में खलबली मच गई. विपक्षी दल के निशाने पर पहले से रहे राष्ट्रपति यून के खिलाफ गतिविधि तेज की गई. कड़े विरोध के बाद सांसदों ने बहुमत से मार्शल लॉ को रद्द किया. इसके बाद विपक्षी नेता नरम पड़े. हालांकि, मार्शल लॉ हटाये जाने के बावजूद विपक्ष के सदस्यों ने यून की आलोचना तेज कर दी है. कुछ ने राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की धमकी भी दी है. रीबिल्डिंग कोरिया पार्टी के नेता ह्वांग अन-हा ने सैन्य लामबंदी की निंदा की तथा महाभियोग प्रस्ताव लाने के अपने इरादे का संकेत दिया.

अमेरिका ने मार्शन लॉ रद्द होने पर संतोष जताया

मार्शल लॉ की घोषणा से पूरा देश स्तब्ध रह गया था. इस बीच अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई. इस घटनाक्रम पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई. मार्शल लॉ को पलटने के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि उसे राहत मिली है. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र अमेरिका-दक्षिण कोरिया गठबंधन की आधारशिला है.

रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'हमें राहत मिली है कि राष्ट्रपति यून ने मार्शल लॉ की अपनी चिंताजनक घोषणा के फैसले को पलट दिया है. इसे समाप्त करने के लिए आरओके नेशनल असेंबली के वोट का सम्मान किया है. बयान में कहा गया है कि हम स्थिति पर नजर रखना जारी रखेंगे.'