जींद जिले में महिला राजनीति को लगता रहा है ग्रहण, 12 चुनाव, 60 से ज्यादा विधायक, केवल एक महिला विधायक
- By Vinod --
- Wednesday, 28 Aug, 2024
Women politics continues to be eclipsed in Jind district
Women politics continues to be eclipsed in Jind district- जींद। 1 नवंबर 1966 को हरियाणा बनने के बाद अब तक हरियाणा में विधानसभा के 12 चुनाव हो चुके हैं। जींद जिले में वर्तमान में पांच विधानसभा सीट हैं। इस परिसीमन से पहले कलायत और राजौंद भी जिले का हिस्सा भी और उस समय जींद में सात विधानसभा सीट होती थी।
आधी आबादी (महिलाओं) के लिए जींद की धरती राजनीतिक दृष्टिकोण से हमेशा कटु अनुभव वाली रही है। पिछले 12 चुनाव में जींद जिले से केवल एक महिला विधायक की विधानसभा में पहुंच पाई है।
राजनीति में महिलाओं के लिए जींद जिला कभी भी सुखद परिणाम लेकर नहीं आया है। इस पूरे जिले से केवल 2014 में उचाना विधानसभा क्षेत्र से पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता विधानसभा में पहुंचने में सफल हुई हैं। असल में राजनीतिक दलों ने जींद जिले में महिलाओं को कभी तवज्जो नहीं दी। नरवाना विधानसभा क्षेत्र के एससी आरक्षित होने के बाद यहां से कांग्रेस और भाजपा ने महिलाओं को टिकट देने का काम जरूर किया है लेकिन वह विधानसभा पहुंचने में विफल रही हैं। सफीदों विधानसभा क्षेत्र से एक बार भाजपा ने महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा था लेकिन वह भी विधानसभा में नहीं पहुंच पाई।
केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं को विधानसभा और लोकसभा में 33% आरक्षण देने का बिल पास होने के बाद आज वर्तमान में अनेक महिला उम्मीदवार जींद जिले से विभिन्न दलों से विभिन्न विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दौड़ में हैं, कौन पार्टी किस महिला को टिकट देगी या नहीं देगी यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन महिलाओं को यहां पर अपनी राजनीति पर विश्वास हो सकता है लेकिन जिस प्रकार से जींद जिले में महिलाओं की राजनीति पर ग्रहण लगता रहा है उसे देखकर लगता नहीं है कि आने वाले समय में जब तक महिला आरक्षण बिल लागू नहीं होगा तब तक जींद जिले से कोई महिला राजनीति में आगे कदम बढ़ा पाएगी।
महिलाओं को मिले मौका : पूनम चौहान
महिलाएं आज राजनीति में बहुत सशक्त हैं। कांग्रेस पार्टी ने देश को प्रथम महिला प्रधानमंत्री दी। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी ने ही महिला दी। जींद जिले में नरवाना में विधानसभा में कांग्रेस पार्टी ने महिला को मौका दिया। परंतु जींद विधानसभा सदैव इस मौके से वंचित रही है। इस बार पार्टी ने निर्णय लिया है कि महिलाओं को मौके दिए जाएंगे ताकि वह विधानसभा में अपने हलके की आवाज उठा सकें।
-पूनम चौहान
मुख्य संगठक, हरियाणा कांग्रेस सेवादल
भाजपा ने महिलाओं को आगे बढ़ाया : पुष्पा तायल
भाजपा से पहले जो पार्टी सत्ता में रही किसी भी पार्टी ने महिलाओं को राजनीति में आगे नही बढ़ाया। मगर भाजपा ने सत्ता में आते ही 50% प्रतिशत महिलाओं को पंचायतों में आरक्षण देकर महिलाओं को राजनीति में आगे बढ़ाया है। इसी तर्ज पर महिलाओं को लोकसभा व विधानसभा में 33% आरक्षण देकर महिलाओं को आगे बढ़ाया है। मैं आशा करती हूं कि 2029 में हमारी बहुत सी बहनें लोकसभा व विधानसभा में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगी।
-डॉ पुष्पा तायल
वरिष्ठ भाजपा नेत्री जुलाना
जब तक विधानसभा और संसद में स्थान नहीं मिलेगा तब तक हित सुरक्षित नहीं
जब तक महिलाएं विधानसभा और संसद में नहीं पहुंचेंगे उनके हित सुरक्षित नहीं हो सकते। यह दुर्भाग्य की बात है कि जींद जिले से आज तक केवल एक महिला ही विधायक बन पाई है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी महिलाओं को अधिक से अधिक टिकट देने का काम करेगी।
-सविता कुंडू
आप नेत्री एवं जींद नप चेयरपर्सन चुनाव में उम्मीदवार रही
भारतीय राजनीति पर महिलाओं की है गहरी छाप : सलमा अजीज
भारतीय राजनीति में महिलाएं शुरू से ही बहुत प्रभावशाली भूमिका में रही है और आज भी महिला नेतृत्व सभी राजनीतिक दलों में अपनी गहरी छाप छोड़ रहा है। महिला आरक्षण लागू होते ही भारतीय राजनीति में महिलाएं कानून और व्यवस्था बनाने जैसे क्षेत्र में नया इतिहास रचने का काम करेंगी। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती ने महिला आरक्षण में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को अलग से आरक्षण देने की मांग की है इससे महिला आरक्षण और अधिक प्रभावी होगा।
-सलमा अजीज
हल्का प्रभारी बसपा जींद
राजनीति के गढ़ में यह स्थिति अच्छी नहीं
जींद को हरियाणा की राजनीति का गढ़ माना जाता है, लेकिन अफसोस है कि इस राजनीति के गढ़ में कोई भी महिला आगे नहीं आ पाई। या किसी पार्टी ने राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं को इस लायक समझा ही नहीं कि वह भी राजनीति में आगे आगे कुछ कर सकती है। जब एक महिला विधायक बनकर विधानसभा के अंदर जाएगी तभी वह महिलाओं की आवाज को उठा पाएगी। तभी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बन पाएंगे।
-सीमा बद्दोवाल
हलका अध्यक्ष जेजेपी नरवाना