Haryana : तीन नए आपराधिक कानूनों में गवाहों को मिलेगी सुरक्षा, हरियाणा में साक्षी संरक्षण योजना-2025 की गई शुरू
- By Krishna --
- Friday, 21 Feb, 2025
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Witnesses will get protection in three new criminal laws
Witnesses will get protection in three new criminal laws: चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा साक्षी संरक्षण योजना-2025 शुरू की है। गृह विभाग द्वारा गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह योजना उन अपराधों के गवाहों पर लागू होगी, जो मृत्यु या आजीवन कारावास या सात वर्ष या उससे अधिक के कारावास से तथा भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 74, 75, 76, 77, 78 और 79 के साथ-साथ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 8, 10, 12, 14 और 15 के अधीन दंडनीय हैं।
धमकी की आशंका के आधार पर गवाहों की तीन श्रेणियां
योजना के तहत, धमकी की आशंका के आधार पर गवाहों की तीन श्रेणियां होंगी। श्रेणी-ए में वे स्थितियां शामिल है, जहां जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह या उनके परिवार के सदस्यों को खतरा हो। श्रेणी-बी में वे मामले शामिल हैं, जहां जांच, परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह या उसके परिवार के सदस्यों या कोई अन्य व्यक्ति, जिसमें वह हितबद्ध हो, की सुरक्षा, प्रतिष्ठा या संपत्ति को खतरा हो। जबकि जबकि श्रेणी-सी में वे मामले आएंगे, जहां धमकी मध्यम है और जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह या उसके पारिवारिक सदस्यों या कोई अन्य व्यक्ति, जिसमें वह हितबद्ध हो, के शोषण या उत्पीडऩ, प्रतिष्ठा या संपत्ति प्रभावित हो।
योजना में साक्षी संरक्षण उपायों की बनाई गई रूपरेखा
हरियाणा साक्षी संरक्षण योजना, 2025 के तहत गवाह और आरोपी आमने-सामने न आएं। इसके अलावा, ईमेल, टेलीफोन कॉल आदि की निगरानी, गवाह का टेलीफोन नंबर बदलने या कोई अनलिस्टेड नंबर देने के लिए टेलीफोन कंपनी के साथ व्यवस्था करना, गवाह या उसके परिवार के सदस्य या वह व्यक्ति, जिसमें साक्षी हितबद्द है, के घर/कार्यस्थल में सुरक्षा उपकरण जैसे सुरक्षा दरवाजे, सीसीटीवी, अलार्म, बाड़ आदि लगाना, बदले हुए नाम या उपनाम से उन्हें संदर्भित करके गवाह की पहचान छिपाई जाएगी।
प्रत्येक जिले में बनेगा साक्षी संरक्षण सेल
योजना के तहत प्रत्येक जिले में साक्षी संरक्षण सेल का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिला के पुलिस उपायुक्त या पुलिस अधीक्षक होगा। साक्षी संरक्षण सेल की प्राथमिक जिम्मेदारी सक्षम प्राधिकरण द्वारा पारित साक्षी संरक्षण आदेशों को लागू करने की होगा। आवेदन की सुनवाई के दौरान, साक्षी की पहचान किसी अन्य व्यक्ति को नहीं बताई जाएगी, जिससे साक्षी की पहचान होने की संभावना हो। सक्षम प्राधिकरण रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री के आधार पर आवेदन का निपटान करेगा। एक बार सक्षम प्राधिकरण द्वारा गवाह की पहचान की सुरक्षा के लिए आदेश पारित कर दिया जाता है, तो गवाह संरक्षण सेल की जिम्मेदारी होगी कि वह साक्षी की पहचान की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करे।
कोर्ट तक जाने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट मिलेगा
गवाह के लिए आपातकालीन संपर्क व्यक्तियों का प्रावधान भी योजना के तहत किया गया है। गवाह के करीबी सुरक्षा, जिसमें व्यक्तिगत सुरक्षा और अंगरक्षक, घर के आसपास नियमित गश्त या पीसीआर वैन की तैनाती, गवाह के कार्यस्थल, उसके परिवार के सदस्य या कोई भी व्यक्ति जिसमें गवाह रुचि रखता है। गवाह सुरक्षा उपायों में किसी रिश्तेदार के घर या नजदीकी कस्बे, शहर में निवास का अस्थायी परिवर्तन भी शामिल है। सुनवाई की तारीख पर सरकारी वाहन या राज्य-वित्त पोषित वाहन के प्रावधान सहित न्यायालय तक एस्कॉर्ट मिलेगा। बंद कमरे में सुनवाई का आयोजन किया जाएगा।
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