आखिर महाप्रबंधक के हस्तक्षेप से मिनटों में बिजली निगम के अधिकारी आए हरकत में
Electricity Corporation
धिकारियों से भी गुहार काम नहीं आई ------
आखिर निगम के महाप्रबंधक अमित खत्री के मामला संज्ञान में लाया जाने के बाद मिनटों में हुई कार्यवाही शुरू----
जींद 28जुलाई : Electricity Corporation: जींद शहर की पाश कालोनी कृष्णा कालोनी के वासी बिजली समस्या को लेकर बिजली निगम के जे ई से लेकर एस ई तक गुहार लगा चुके थे, समस्या यहां तक बढ़ गई थी कि बिजली की लो वालटेज के कारण उपकरण काम करना छोड़ जाते, रात को मच्छरों के प्रकोप से भी जागने पर मजबूर होना पड़ रहा था।जब कहीं भी शिकायत का असर निगम के कर्मियों पर नहीं हुआ तो आखिर एक ही विकल्प बचा था, वह था निगम के महाप्रबंधक अमित खत्री। यहां यह उल्लेख करना भी तर्क संगत है कि सरकारी कर्मचारी बिना दबाव काम करना छोड़ ही चुके हैं ,जब महाप्रबंधक का संदेश वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंचा तो सारे बिजली निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी समस्या को जानने के लिए कृष्णा कालोनी में आ धमके ।
आखिर कब तक इस मानसिकता से निकल कर सरकारी अमला आम जन की समस्याओं को दूर करने की सोच करने लगेगा। क्या हमारे अधिकारियों की सोच इस कदर जाहिल हो चुकी है कि जब तक किसी बड़े व्यक्ति, अधिकारी का दबाव नहीं आता तब तक काम नहीं करना ।
सोचने का विषय में भी है कि कृष्णा कालोनी वासियों ने तो निगम के महाप्रबंधक के पास अपनी गुहार लगा कर अपनी समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों को सचेत कर दिया, आखिर कितने लोग हैं जो निगम के महाप्रबंधक के पास अपनी बिजली की शिकायत लगा सकते है। आम आदमी आखिर यूं ही अपने जूते घिसाने पर मजबूर होता रहेगा। सरकारी तंत्र को और उत्तरदायी बनाने की जरूरत है। सही मायने में देखा जाये तो जब भी सरकारी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कोई प्रदर्शन आदि करते हैं तो वे प्रायः असफल हो जाते हैं,इस के पीछे शायद मुख्य कारण यह रहता है कि कर्मी लोगों की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरते , नतीजतन आम आदमी सरकारी कर्मचारियों का सहयोग करने से गुरेज करने लग जाते हैं।
कालोनी वासियों को बिजली निगम से समस्या समाधान की अब आश बंधी है कि अब उन्हें सही वोल्टेज की बिजली मिल पायेगी वहीं बिजली उपकरण भी जलने या खराब होने से बच जायेंगे।
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