मार्को रूबियो के नाम से क्यों परेशान हुआ चीन? जानें क्या झेलना पड़ेगा चीन को नुकसान
China Afraid From USA: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ताजपोशी की तैयारी चल रही है। इससे पहले ट्रंप ने अपनी टीम की तैयारी शुरू कर दी है ट्रंप ने पिछले कुछ दिनों में अपनी सरकार में अहम पदों की जिम्मेदारी संभालने वाले लोगों की एक सूची जारी की है। इस सूची के जारी होने के बाद सबसे ज्यादा चिंता में और डरा हुआ यदि कोई देश है तो वह है चीन। तो चलिए जानते हैं कि आखिर चीन की ऐसी हालत क्यों बनी है।
चीन vs अमेरिका
कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अमेरिका में होने वाले हर घटना पर नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि चीन का कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति कट्टरपंथियों से घिरे हुए हैं, जो चीन के खिलाफ कड़ी बयान बाजी करते हैं, और चीन के साथ टकराव का समर्थन रखते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बनाई सूची में मार्को रूबियो का नाम सामने आया जिनके नाम से चीन बौखला चुका है।
क्यों हुआ मार्को रूबियो से परेशान चीन
दरअसल मार्को रूबियो अमेरिका के विदेश मंत्री बनने जा रहे हैं, मार्को रूबियो के साथ चीन का पुराना इतिहास जुड़ा है। इसलिए चीन काफी बौखलाया हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है की रूबियो जैसे कट्टरपंथी न केवल चीन के मुद्दों से निपटने में कड़े एक्शन निभाते हैं, बल्कि इनके द्वारा परिणाम की परवाह किए बिना कार्रवाई करने के भी बहुत संभावना है। चीन के विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि बिडेन प्रशासन की तुलना में ट्रंप के राज में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच व्यापार और बातचीत बहुत कम और संकुचित हो जाएगी।
रूबियो का हुआ चीन में विरोध
2021 में जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम के समय रूबियो एक प्रायोजक थे। इस कानून के उत्तर पश्चिमी सिनजियां क्षेत्र से सभी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा था, जब तक की कंपनियां इस बात का सत्यापन नहीं करती के उत्पादन में ऐसा कोई उलझन शामिल नहीं है। 2023 के एक भाषण में रूबियो ने कहा था, रबियो ने कई बार चीन के खिलाफ बयान बाजी की है कई सारे चीजों के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया है जैसे अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर चीन का कब्जा है या पूरी दुनिया में कोविद-19 के कारण ही फैला है इस प्रकार के आप चीन पर लगाए हैं। इसके साथ ही रूबियो ने ही चेतावनी दी थी कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर चीन का प्रभाव है हमारे समाज पर चीन का प्रभाव है। चीन के पास वाशिंगटन में और वेतन एक परोपकारों की भी एक सी है इसलिए चीन रूबियो को कुछ खास पसंद नहीं करता।