क्या आप जानते है कि सीता का हरण करने वाले रावण को क्यों कहा जाता था सर्वज्ञानी ?
Why Raavan call most intelligent
Dussehra : दशहरा यानी विजयादशमी पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व भारत में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था। यही वजह है कि दशहरा (Dussehra) को विजयादशमी भी कहा जाता है। इस दिन जगह-जगह रावण का पुतला दहन किया जाता है। इसके साथ मेघनाद और कुंभकरण के भी पुलते दहन किए जाते हैं। इसके अलावा इस दिन शारदीय नवरात्रि के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है। बच्चे-बच्चे को रावण के बारे में पता है। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो रावण को बहुत बड़ा विद्वान मानते हैं। चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि रावण को सर्वज्ञानी क्यों कहा जाता है।
रावण को माना जाता है मर्यादित
हम अक्सर पौराणिक कथाओं में सुनते हैं कि रावण ने सीता का हरण तो किया था लेकिन उन्हें हाथ नहीं लगाया था। इसी घटना को देखते हुए बहुत से लोग उन्हें मर्यादित कहते हैं।
रावण को था प्रजा चलाने का ज्ञान
अच्छे-अच्छे राजा अपनी प्रजा को खुश नहीं रख पाते हैं लेकिन रावण के साथ ऐसा नहीं था। उन्हें प्रजा को कैसे चलाया जाता है इस विषय की काफी अच्छी जानकारी थी। यही कारण है कि कई क्षेत्रों में उनकी पूजा भी की जाती है। जिस दिन रावण का दहन होता है उस दिन दक्षिण भारत में मुख्यतः श्रीलंका में शोक का दिन माना जाता है।
बुद्धिमता से मांगा था वरदान
रावण ने भगवान शिव से अमर होने का वरदान मांगा था। उन्होंने शिव जी को खुश करने के लिए कड़ी तपस्या की थी। इससे भी उनकी बुद्धि का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसा भी माना जाता है कि रावण के पास 10 सिर मतलब 10 दिमाग थे जिनकी मदद से वो सोचने-समझने की ज्यादा क्षमता रखता था।
रावण को था वेदों का ज्ञान
रावण को 1 नहीं बल्कि 4 वेदों और 6 उपनिषदों का ज्ञान था। इसके साथ-साथ उन्हें विद्या का भी उस्ताद माना जाता है। रावण किसी भी युद्ध के दौराण अपने दुश्मनों के मन में ऑप्टिकल भ्रम पैदा कर देता था। ऐसा भी माना जाता है कि उन्हें कुल 64 प्रकार की कलाओं की समझ थी।