क्यों मनाया जाता है भाई दूज का त्यौहार

क्यों मनाया जाता है भाई दूज का त्यौहार? जानें क्या है इस पर्व का महत्त्व

 भाई बहन का रिश्ता सबसे मजबूत और पवित्र माना जाता है

 

Bhai Dooj 2024: भाई बहन का रिश्ता सबसे मजबूत और पवित्र माना जाता है। पूरे साल में रक्षाबंधन और भाई दूज एक ऐसा त्यौहार है जो भाई और बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करता है। गोवर्धन पूजा के ठीक अगले दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह त्यौहार हर बहने मानती है। बहने भाई की सलामती और लंबी उम्र के लिए इस दिन यमराज की पूजा भी करतीं हैं। तो चलिए पूरे विस्तार से हम आपके भाई दूज के इतिहास की ओर ले जाते हैं।

क्यों मनाते है भाई दूज का त्यौहार

पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया की दो संतान थीं। एक यमराज और दूसरी यमुना। यमराज अपनी बहन यमुना को बहुत प्रेम करते थे। यमुना अपने भाई से बार-बार अपने घर आने को कहती। एक बार कार्तिक शुक्ल की द्वितीय तिथि को उन्होंने अपने भाई से घर पर आने का वचन ले लिया और भाई दूज के दिन ही यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए । तब यमुना ने अपने भाई यमराज का भव्य स्वागत किया इसके बाद यमराज को तिलक लगाकर भोजन कराया। यमुना का अपने भाई के प्रति इतना प्रेम और आदर देख यमराज ने प्रसन्न होकर यमुना से वरदान मांगने को कहा, इसके बाद वरदान में यमुना ने अपने भाई से कहा कि हर साल आप इस दिन मेरे घर आना इसके बाद से ही भाई दूज या यम द्वितीया की परंपरा शुरू हो गई।

भाई दूज का महत्त्व

भाई दूज का त्यौहार भाई-बहन के बीच प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर और नारियल देकर सभी देवी देवताओं से भाई की सुख समृद्धि और दीर्घायु की कामना करती हैं। बहने इस दिन यमराज की पूजा भी करती हैं, और इसके साथ ही भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करता है और आशीर्वाद के तौर पर कुछ तोहफे देता है। इस त्यौहार को देशभर में भाई फोटा, भाव बीज, भाई बीज, यम द्वितीया इत्यादि कई नाम से जाना जाता है।

 

साल 2024 का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार भाई दूज की तिथि का आरंभ 2 नवंबर शाम 8:21 पर होगा और तिथि का समापन 3 नवंबर रात 10:05 पर होगा। भाई दूज का पर्व रविवार 3 नवंबर को मनाया जा रहा है। भाई दूज के दिन तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त की शुरुआत दोपहर 1:19 से लेकर 3:22 तक रहेगा।