क्यों करतें है सकत चौथ का व्रत? जानें इस व्रत से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें

क्यों करतें है सकट चौथ का व्रत? जानें इस व्रत से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें

महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए सकट चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं

 

Sakat Chauth: सकट चौथ व्रत करवा चौथ व्रत की ही तरह कठिन होता है, बस अंतर सिर्फ इतना है कि करवा चौथ में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं तो वही सकट चौथ में महिलाएं या माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखते हैं। आज पूरे भारत में सकट चौथ का व्रत मनाया जा रहा है तो आईए जानते हैं इस व्रत से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातें और इस व्रत की कथा।

 

बच्चों की लंबी उम्र का है यह व्रत

 

माघ महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाले चतुर्थी तिथि का बड़ा महत्व होता है इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए सकट चौथ का निर्जला व्रत रखती हैं, और गणेश जी की पूजा आराधना करती हैं। सकट चौथ व्रत को तिलवा, तिलकुटा चतुर्थी और लंबोदर संकष्टी चतुर्थी तिथि के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं, गणेश जी के लिए तेल और गुड़ के लड्डू और अन्य प्रसाद तैयार करती है, और शाम में गणेश जी की विधि विधान से पूजा करती हैं। सकट चौथ व्रत में चंद्रदेव की पूजा भी खास मायने रखती है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही व्रत का पारण किया जा सकता है, इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।

 

क्यों मनाते हैं सकट चौथ का व्रत

ऐसी मान्यता है कि सतयुग में राजा हरिश्चंद्र के राज में एक कुम्हार रहता करता था एक बार तमाम कोशिशें के बावजूद जब उसके बर्तन कच्चे रह जा रहे थे, तो उसने यह बात एक पुजारी को बताएं उस पर पुजारी ने बताया कि छोटे बच्चों की बाली से ही यह समस्या दूर हो सकती है। इसके बाद कुम्हार ने एक बच्चे को पकड़ कर आंवा में डाल दिया वह सकट चौथ का दिन था। काफी खोजने के बाद भी जब उसकी मां को उसका बेटा नहीं मिला तो उसने गणेश जी के समक्ष सच्चे मन से प्रार्थना की। उधर जब कुम्हार ने सुबह उठकर देखा तो आवां में उसके बर्तन तो पक गए लेकिन बच्चा भी सुरक्षित था। इस घटना के बाद कुम्हार डर गया और राजा के समक्ष पहुंचे पूरी कहानी बताएं इसके पश्चात राजा ने बच्चे और उसकी मां को बुलवाया तो मां ने संकटों को दूर करने वाले सकट चौथ की महिमा का वर्णन राजा से किया। तभी से मान्यताएं अपनी संतानों की लंबी उम्र और परिवार के सौभाग्य के लिए सकट चौथ का व्रत करती है।