कौन होगा महाराष्ट्र का अगला सीएम? फड़नवीस या फिर शिंदे? किस तरफ है बीजेपी का झुकाव?
Maharastra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे के तहत महायुती ने यह जंग जीत ली है, अब तय यह करना है की मुखिया की कुर्सी यानी मुख्यमंत्री पद पर कौन आसीन होगा? मुख्यमंत्री पद पर एक मत होने के लिए बीजेपी शिवसेना और अजीत पवार के बीच बातचीत चल रही है। लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा। कहते हैं जब सत्ता की लत लगी हो तो उसे छोड़ना आसान नहीं होता कुछ इसी तरह एकनाथ शिंदे के साथ भी हो रहा है। तो चलिए पूरे विस्तार से जानते हैं कि यह मामला है क्या।
फडणवीस या शिंदे?
जैसा कि आप सब जानते होंगे की महायुती गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की पार्टी शामिल है। महाराष्ट्र के चुनाव में महायुति गठबंधन की जीत हुई है, तो जाहिर सी बात है कि जब मुख्यमंत्री का चुनाव होगा तो इन तीनों पार्टी की सहमति होना अनिवार्य है। आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी का झुकाव फडणवीस की तरफ है। तो वही अजीत पवार भी फडणवीस के समर्थन में है। लेकिन एकनाथ शिंदे को यह कतई मंजूर नहीं है कि उनकी प्रिया मुख्यमंत्री पद पर किसी और का कब्ज हो जाए और इसलिए भारतीय जनता पार्टी और अजीत पवार दोनों एकनाथ शिंदे को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
क्यों हो रहा सीएम का चुनाव मुश्किल?
बता दें की महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुती ने बंपर जीत हासिल की है। राज्य की 288 में से 230 सिट जीतकर महायुति ने इतिहास रच दिया है। अकेले बीजेपी को 132 सीटें मिली हैं, जबकि राज्य में बहुमत का आंकड़ा 145 है। हालांकि भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहते हैं, भाजपा विधायक दल का नेता किसे चुना जाए यह तय करने के लिए दिल्ली से मुंबई तक बैठकों का दौर भी जारी है। आपको बता दें महाराष्ट्र विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 26 नवंबर रात 12:00 खत्म हो जाएगा इससे पहले नई सरकार का गठन करना भी आवश्यक है। इस बीच मांग यह भी तेज है कि फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाए भाजपा नेता फडणवीस को सीएम बनाने की मांग उठा रहे हैं, प्रवीण के बाद अब कृपा शंकर कह रहे हैं कि फडणवीस को ही सीएम बनाया जाए क्योंकि उनकी रणनीति की वजह से ही बीजेपी और महायुति यह करिश्मा कर पाई है। उनका कहना है कि पिछली बार कम सीट होने के बाद भी शिंदे को सीएम बनाया गया था, अब फडणवीस की बारी है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे इस राय से सहमत नहीं है और लगातार इसका विरोध कर रहें हैं। इसलिए सीएम का चुनाव काफी मुश्किल हो रहा है।