कौन हैं वो संत भोले बाबा, जिनके सत्संग में हुआ दर्दनाक हादसा? जानें पूरा मामला
Hathras Satsang Stampede Live
Hathras Satsang Stampede Live: हाथरस के फुलवरई में स्वयंभू संत भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुए हादसे में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस सत्संग में सैकड़ों की तादात में भोले बाबा के अनुयायी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि इस हादसे में कई दर्जन लोग घायल भी हुए हैं. ऐसे में यह जान लेना आवश्यक है कि इस सत्संग का आयोजन करने वाले ये भोले बाबा कौन हैं. इसका जवाब भी खुद भोले बाबा ने एक मीडिया हाउस से हुई बातचीत में दिया है.
उन्होंने कहा कि वह मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) में पटियाली गांव के रहने वाले हैं. पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे, लेकिन 18 साल की नौकरी के बाद वीआरएस ले लिया और और अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहते हैं और उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों में घूम कर लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं. खुद भोले बाबा कहते हैं कि बचपन में वह अपने पिता के साथ खेती बाड़ी का काम करते थे.
जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए. उनकी पोस्टिंग राज्य के दर्जन भर थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही है. संत भोले बाबा के मुताबिक उनके जीवन में कोई गुरू नहीं है. वीआरएस लेने के बाद उन्हें अचानक भगवान से साक्षात्कार हुआ और उसी समय से उनका झुकाव अध्यात्म की ओर हो गया. भगवान की प्रेरणा से उन्होंने जान लिया कि यह शरीर उसी परमात्मा का अंश है.
इसके बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण में लगाने का फैसला कर लिया. संते भोले बाबा का दावा है कि वह खुद कहीं नहीं जाते, बल्कि उन्हें भक्त बुलाते हैं. कहा कि वह भक्तों की फरियाद पर लगातार अलग अलग स्थानों पर घूम कर समागम करते आ रहे हैं.
लाखों की संख्या में हैं अनुयायी
भोले बाबा का दावा है कि उनके भक्तों और अनुयायियों की संख्या लाखों में है. हरेक समागम में बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंचते हैं. कई बार किसी किसी समागम में उनके अनुयायियों की संख्या 5 लाख से भी अधिक हो जाती है. वह कहते हैं कि अपने अनुयायियों को हमेशा मानवता के कल्याण की बात सिखाते हैं और उन्हें मानव सेवा कर भगवान से जुड़ने की प्रेरणा देते हैं.