कौन है नारायण मूर्ति? भारत को गरीबी ख़त्म करने के लिए दी हिदायतें, हुआ जमकर विरोध

कौन है नारायण मूर्ति? भारत को गरीबी ख़त्म करने के लिए दी हिदायतें, हुआ जमकर विरोध

नारायण मूर्ति जो इंफोसिस जैसी बड़ी कंपनी के सह संस्थापक हैं अक्सर उनके बयानों से विवाद खड़े हो जाते हैं।

 

Narayana Murthy: नारायण मूर्ति जो इंफोसिस जैसी बड़ी कंपनी के सह संस्थापक हैं अक्सर उनके बयानों से विवाद खड़े हो जाते हैं। कुछ महीने पहले ही नारायण मूर्ति ने भारत को हिदायत दी थी कि उन्हें अपने कर्मचारियों को 70 घंटे यानी 12 घंटे प्रतिदिन काम करवाना चाहिए और तभी भारत का उद्धार होगा। नारायण मूर्ति जी के इस बयान के बाद काफी विवाद खड़ा हो गया था और एक बार फिर उनकी कुछ हिदायत ने लोगों को उनके ख़िलाफ़ खड़ा कर दिया है। तो आईए जानते हैं कि आखिर पूरा माजरा है क्या।

 

गरीबी से लड़ने के लिए बताया फॉर्मूला

 

नारायण मूर्ति जी से जब एक पत्रकार ने पूछा कि उन्हें क्यों लगता है कि भारतीयों के लिए सप्ताह में 70 घंटे काम करना काफी महत्वपूर्ण है, इस पर मूर्ति जी ने जवाब दिया कि युवाओं को यह समझना चाहिए कि हमें कड़ी मेहनत करनी होगी और भारत को नंबर एक पर बनाने की दिशा में काम करना होगा और अगर हम कड़ी मेहनत करने की स्थिति में नहीं है तो आखिर कौन करेगा। अपने दृष्टिकोण का बचाव करते हुए मूर्ति जी ने कहा कि भारत में 800 मिलियन लोगों को मुफ्त राशन मिलता है, जिसका अर्थ है कि वह अभी भी गरीब है और इसलिए भारत को महान बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए और लंबे समय तक काम करना चाहिए।

 

नारायण मूर्ति की बातों से भड़के लोग

हालांकि नारायण मूर्ति जी के टिप्पणी के बाद नैतिजेंस काफी नाराज नजर आए, जिन्होंने न केवल उनके 70 घंटे के कार्य सप्ताह की टिप्पणी की आलोचना की बल्कि इसकी तुलना गुलामी से भी कर दी। कुछ लोगों ने अरबपति पर भी कटाक्ष किया जिनकी कुल संपत्ति 540 करोड रुपए है और उन्होंने हाल ही में 50 करोड रुपए की संपत्ति खरीदी है। टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने लिखा अपने कर्मचारियों को प्रति घंटे के आधार पर भुगतान करना शुरू करें और वह कड़ी मेहनत करेंगे। जबकि दूसरे ने कहा और इस तरह से औसत जीवन प्रत्याशा काम हो जाएगी, यदि आप दिन में 10 घंटे काम करते हैं मानसिक तनाव शारीरिक तनाव कोई सामाजिक जीवन नहीं।