हरियाणा में टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हु्ड्डा या कुमारी सैलजा, कौन पड़ा भारी? देखिए बड़ी खबर

हरियाणा में टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हु्ड्डा या कुमारी सैलजा, कौन पड़ा भारी? देखिए बड़ी खबर

Haryana Assembly Elections 2024

Haryana Assembly Elections 2024

कांग्रेस में हुड्डा गुट को सर्वाधिक 73 टिकट मिले
कुमारी सैलजा समर्थन 10 सीटों पर सिमटे
सुरजेवाला को केवल दो टिकट पर करना पड़ा संतोष
अजय यादव के बेटे को सीटिंग गैटिंग के फार्मूले पर मिली टिकट

चंडीगढ़। Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर छिड़ी लड़ाई के एक भाग का अंत गुरुवार को हो गया है। टिकटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस की जमकर चौतरफा फजीहत हुई। गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन था। दोपहर तीन बजे तक नामांकन होने थे और कांग्रेस की अंतिम टिकट दोपहर एक बजे आई। यह टिकट सोहना विधानसभा हलके से थी। कांग्रेस की सूची में सबसे अधिक प्रभाव पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का देखने को मिला है। हुड्डा समर्थकों को सबसे अधिक 73 टिकट मिले हैं।

टिकट आबंटन के दौरान भी कांग्रेस के नेताओं में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर बयानबाजियों का दौर चलता रहा। प्रदेश में कई सीटों को तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा कुमारी सैलजा के प्रभाव के चलते होल्ड किया गया। बुधवार की रात जारी हुई 40 उम्मीदवारों की सूची को लेकर आज बहुत से दावेदारों में अंतिम समय में इसे बदले जाने के दोव भी किए। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों को लेकर अगर विश्लेषण किया जाए तो एक बात साफ होती है कि प्रदेश में टिकट आबंटन के मामले में केवल भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चली है। हाईकमान तथा कई कांग्रेसी नेताओं के विरोध के बावजूद हुड्डा के समर्थन से पार्टी ने जेल में बैठे सोनीपत के विधायक सुरेंद्र पंवार तक को टिकट दे दिया। कुमारी सैलजा ने अंतिम समय तक नारनौंद की जिस सीट को होल्ड करवाकर रखा उस सीट पर भी हुड्डा समर्थक को ही उतारा गया है। प्रदेश में 90 में से 73 सीटों पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थकों को टिकट दी गई है। कुमारी सैलजा समर्थकों को केवल दस सीटों पर टिकट दिए गए हैं। जिसमें कालका, पंचकूला, हिसार, फतेहाबाद, जगाधरी, अंबाला कैंट, नारायणगढ़,टोहाना, सढौरा व असंध शामिल हैं। कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला के हिस्से में केवल दो टिकट आए हैं। कैप्टन अजय सिंह यादव के हिस्से में केवल उनके बेटे की टिकट आई है लेकिन उसे भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कोटे में ही गिना जा रहा है। प्रदेश में एक सीट सीपीआईएम के लिए छोड़ी गई है और केवल चार टिकट कांग्रेस हाईकमान ने अपनी मर्जी से दिए हैं।

भाजपा में हाईकमान की मर्जी से तय हुए टिकट

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में इस बार टिकट आबंटन को लेकर सर्वाधिक घमासान मचा। भाजपा में इस बार चुनाव से पहले बहुत से ऐसे नेता थे जिनकी गिनती पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खेमे में होती थी और उन्होंने चुनाव लडऩे की तैयारी तक कर ली थी। इसके बावजूद सबसे ज्यादा निराशा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ सीएमओ में तैनात रहे उनके अमले को लगी है। उनमें से किसी को भी टिकट नहीं मिला है। भाजपा में भी कई सीटों को अंतिम समय तक रोका गया लेकिन यहां अधिकतर सीटों पर हाईकमान ने अपनी मर्जी से टिकट आबंटन किया है।

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