Haryana Sikh Gurdwara Management Committee: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के फ़ेसले पर अब हुड्डा ने कहां उन्होंने रखी थी नींव
Haryana Sikh Gurdwara Management Committee: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के फ़ेसले पर अब हुड
चंडीगढ़: Haryana Sikh Gurdwara Management Committee: करनाल ,कुरुक्षेत्र और यमुनानगर अलग-अलग गुरुद्वारों की प्रबंधन कमेटी आज पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात करने पहुंची। कमेटी प्रतिनिधियों ने अलग हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति बनाए जाने के लिए हुड्डा का धन्यवाद किया। प्रतिनिधियों ने बताया कि अलग समिति की नींव हुड्डा सरकार के दौरान ही रखी गई थी। 2014 में कांग्रेस सरकार के दौरान ही हरियाणा की अलग गुरुद्वारा प्रबंधक समिति का कानून पास किया गया था। अब इस कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है। इसके लिए हरियाणा के गुरुद्वारों की समितियां भूपेंद्र सिंह हुड्डा का आभार व्यक्त करने आई हैं।
समिति प्रतिनिधियों ने बताया कि इससे पहले हरियाणा के गुरुद्वारों की सारी आय पंजाब में चली जाती थी। इतना ही नहीं प्रदेश में बने स्कूल व हॉस्पिटल में स्थानीय लोगों को रोजगार भी नहीं दिया जाता था। अब हरियाणा का अपना प्रधान व प्रबंधन होने से स्थानीय लोगों को वरीयता दी जाएगी। प्रदेश के गुरुद्वारों का पूरा बजट यहीं के स्कूल, अस्पताल व प्रबंधन पर खर्च होगा।
इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि उनकी सरकार के दौरान प्रदेश के गुरुद्वारों की तरफ से अलग समिति की मांग उठाई गई थी। गुरुद्वारे के प्रबंधन व रखरखाव में स्थानीय समितियों को दिक्कत पेशा आ रही थी। इसके मध्यनजर सरकार की तरफ से 2014 में विधानसभा में एचएसजीपीसी का कानून पास करवाया गया। यह खुशी का विषय है कि देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने भी उस कानून पर अपनी मोहर लगा दी है।
-हुड्डा ने यह भी याद दिलाया
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए हुड्डा ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह रखने पर भी खुशी जाहिर की। उन्होंने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री रहते हुए सबसे पहले उन्होंने ही यह मांग की थी। जबकि उस वक्त की पंजाब सरकार इसका नाम चंडीगढ़ की बजाय मोहाली एयरपोर्ट रखना चाहती थी और कांग्रेस के बाद बनी हरियाणा की बीजेपी सरकार शहीद भगत सिंह की बजाए एयरपोर्ट किसी और के नाम पर रखना चाहती थी। लेकिन आखिरकार सरकार ने हमारे प्रस्ताव को मानते हुए इसका नाम शहीद भगत सिंह चंडीगढ़ एयरपोर्ट रखा। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।