Ganga Saptami 2023: जानें कब है गंगा सप्तमी? इसके महत्व और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में यहां पढ़ें
- By Sheena --
- Tuesday, 25 Apr, 2023
When Ganga Saptami 2023 will be celebrated know about the significance and shubh muhurat
Ganga Saptami 2023: सनातन धर्म में गंगा नदी को सबसे पावन एवं मोक्षदायनी नदी माना जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी को ब्रह्माजी के कमंडल से मां गंगा का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन बड़ी धूमधाम से गंगा सप्तमी मनाई जाती है। मान्यता है कि गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) के दिन गंगा-स्नान करने वालों के सारे पाप मिट जाते हैं। इस दिन जहां-जहां गंगा का प्रवाह है, वहां लोग गंगा में डुबकियां लगाते हैं, एवं गंगा पूजन आदि करते हैं। इस अवसर पर हरिद्वार में दिव्य शोभायात्रा निकाली जाती है। इस वर्ष 27 अप्रैल 2023, गुरूवार को गंगा सप्तमी मनाई जाएगी। आइये जानते हैं गंगा सप्तमी का महात्म्य, शुभ मुहूर्त एवं पूजा अनुष्ठान इत्यादि।
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गंगा सप्तमी का महत्व
गंगा सप्तमी का उल्लेख पद्म पुराण और नारद पुराण में भी किया गया है। हमारे देश में गंगा एक पवित्र नदी ही नहीं, बल्कि माँ के रूप में भी पूजी जाती हैं। गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) का यह पर्व गंगोत्री से हरिद्वार, ऋषिकेश, प्रयागराज, वाराणसी तथा गंगासागर में पूरी भक्ति और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर गंगा आरती की दिव्यता देखते बनती है। मान्यता है कि इस दिन भक्त अपने अलावा जिसके भी नाम से गंगा में डुबकी लगाते हैं, उसे भी गंगा स्नान का पुण्य मिलता है। अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल से रिलेटेड समस्याएं रहती हैं, उसे गंगा सप्तमी को गंगास्नान के पश्चात गंगा तट पर मां गंगा की पूरी विधि-विधान के साथ पूजा अनुष्ठान कर दान धर्म करना चाहिए।
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गंगा सप्तमी 2023 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 26 अप्रैल 2023 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 27 अप्रैल 2023 को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी, और पंचांग के अनुसार गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) पर शुभ मुहूर्त 26 अप्रैल 2023 को है ऐसे में इस दिन मां गंगा की पूजा की जाएगी। शास्त्रों में तीर्थ स्नान ब्रह्म मुहूर्त में शुभ माना गया है इसलिए 27 अप्रैल 2023 को गंगा स्नान करना उत्तम फलदायी होगा।
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गंगा सप्तमी पर करें ये उपाय
विद्वान आचार्यों के अनुसार गंगा सप्तमी पर भक्त श्रद्धालुओं को गंगा नदी तथा अन्य पवित्र सरोवरों, नदियों में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से उनके सभी पाप नष्ट होते हैं। इस दिन मां गंगा की भी आराधना करनी चाहिए। भगवान शिव की आराधना करने से भी भाग्योदय होता है। गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) पर दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व बताया गया है।
गंगा सप्तमी पर पूजा अनुष्ठान
गंगा सप्तमी पर सूर्योदय से पूर्व गंगा स्नान के पश्चात एक दोने (पत्तों से बना प्याला) में अक्षत, फूल रखकर उस पर दीप प्रज्ज्वलित कर गंगा नदी में छोड़ते हुए निम्न मंत्र का जाप करें।
गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं ।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।
पूजा के अंत में गंगा जी की आरती उतारें, और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।