क्या होगा पाकिस्तान का? नए PM नहीं बढ़ाएंगे पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें
क्या होगा पाकिस्तान का? नए PM नहीं बढ़ाएंगे पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई के बीच लोगों को फरवरी से खपत की गई बिजली के लिए 4.8 रुपये प्रति यूनिट की अतिरिक्त लागत का भुगतान करना होगा। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी (NEPRA) ने फरवरी महीने के लिए फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट (FCA) के कारण बिजली टैरिफ में 4.8 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की। कुछ दिन पहले ही देश की सत्ता पर काबिज होने वाले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिजली वितरण कंपनियों को बिजली उपभोक्ताओं से अधिक शुल्क लेने की अनुमति भी दे दी है। इसकी वजह से लोगों की जेब पर और अधिक बोझ पड़ रहा है। पाकिस्तान के लोग पहले से ही कर में तेजी से पीड़ित हैं।
बिजली वितरण कंपनियां (DISCOS) सभी उपभोक्ता श्रेणियों से अप्रैल 2022 के बिलिंग महीने में फरवरी 2022 का ईंधन लागत समायोजन (एफसीए) चार्ज करेंगी। सेंट्रल पावर परचेजिंग एजेंसी (CPPA-G) ने पावर रेगुलेटर से अनुरोध किया था कि बिजली उपभोक्ताओं पर 38.4 बिलियन रुपये का बोझ डालने के लिए प्रति यूनिट 4.9441 रुपये की वृद्धि की अनुमति दी जाए। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक NEPRA ने 31 मार्च को एक जनसुनवाई के दौरान बिजली उपभोक्ताओं पर लगभग 37.7 बिलियन रुपये का अतिरिक्त बोझ डालने के लिए प्रति यूनिट 4.8530 रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी थी।
बता दें कि पाकिस्तान की मौजूदा सरकार ने कराची में लोड शेडिंग की परेशानी को हल करने के दावे किए हैं। हाल ही में वहां पर बिजली कटौती के कारण लोगों को रमजान के दौरान अंधेरे में ही तरावीह की नमाज अदा करनी पड़ी थी। मौजूदा सरकार ने इसका ठीकरा इमरान खान की पूर्व सरकार पर फोड़ा था। हालांकि, नई सरकार ने जिस तर्ज पर बिजली की बढ़ी हुई कीमतों को हरी झंडी दिखाई है उससे लोगों का गुस्सा भड़क सकता है और इमरान खान को सरकार पर हमला करने का एक और मुद्दा भी मिल सकता है।