गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का क्या है महत्व? जानें इस वर्ष कौन बनेंगे गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि
Which Republic Day is celebrated in 2025: भारत का राष्ट्रीय ध्वज एकता और गौरव का प्रतीक है भारत में ध्वज का उपयोग दो प्रमुख राष्ट्रीय आयोजन के दौरान किया जाता है, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस। दोनों ही आयोजन में ध्वज का उपयोग किया जाता है लेकिन जिस तरह से इसे प्रदर्शित किया जाता है, जैसे स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराना और गणतंत्र दिवस पर फहराना दोनों के अलग-अलग अर्थ और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि हैं। जैसे कि भारत 26 जनवरी 2025 को अपना 76 वा गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा। क्या है गणतंत्र दिवस का महत्व?
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने का होता है अलग अलग मतलब
गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, यह एक राष्ट्रीय दिवस है जिसे 1950 में भारतीय संविधान को अपनाने के लिए चिन्हित किया गया है। भारत एक ऐसा देश है जो लोकतंत्र और गणतंत्र के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखना है, इस दिन भारत के राष्ट्रपति को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। राष्ट्रपति दिल्ली के कर्तव्य पथ पूर्व में राजपथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। एक चीज गौर करने वाले हैं की स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नीचे स्थान से झंडा को फहराते हैं जो भारत के औपनिवेशिक शासन से मुक्ति और एक स्वतंत्र राष्ट्र के जन्म का प्रतीक है। तो वहीं दूसरी तरफ 26 जनवरी को राष्ट्रपति एक रस्सी खींचते हैं, जिसे छोड़ देते हैं और झंडा फहराते हैं इन दोनों में काफी अंतर होता है। राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने का तात्पर्य है संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शना।
कौन होगा इस बार खास अतिथि
प्रतिष्ठित गणतंत्र दिवस पर रविवार को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होगा जिसमें इस बार मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियन्तो उपस्थित होने वाले हैं, और वह भारत आ चुके है। इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह का विषय स्वर्णिम भारत विरासत और विकास भारत के समृद्धि संस्कृति विरासत और विकास एवं प्रगति की इसकी सतत यात्रा पर प्रकाश डालता है। आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस परेड रविवार को सुबह 10:30 बजे शुरू होगी जिसके द्वारा सुबह 7:00 बजे खुलेंगे और 9:00 बजे बंद हो जाएंगे। आपको बता दे कि गणतंत्र दिवस पर एक राष्ट्रपति भवन से शुरू होगी और विजय चौक, कर्तव्य पथ, सी हेक्सागन, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से होते हुए तिलक मार्ग बहादुर शाह जफर मार्ग और नेताजी सुभाष मार्ग से होते हुए लाल किले पर समाप्त होगी।