क्या है ‘एक राज्य, एक RRB’ योजना? एक मई से बनने जा रही हकीकत; बैंकों पर क्या होगा असर

RRBS Merger
हैदराबाद: RRBS Merger: भारत सरकार की 'एक राज्य-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक' योजना 1 मई, 2025 से लागू होगी. इसके तहत 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) का एकीकरण किया है. वित्त मंत्रालय ने हाल ही में इसकी मंजूरी दी थी. मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, 11 राज्यों में 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का एकीकरण किया जाएगा.
आरआरबी एकीकरण का यह चौथा दौर है. वर्तमान में 26 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 43 आरआरबी संचालित हैं. एकीकरण के बाद 28 आरआरबी बचेंगे, जो 700 जिलों को कवर करेंगे और जिनकी 22,000 से अधिक शाखाएं होंगी. इनमें से लगभग 92 प्रतिशत शाखाएं ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं.
वित्त मंत्रालय का वित्तीय सेवा विभाग 'एक राज्य, एक RRB' योजना को आगे बढ़ा रहा है. इस सुधार योजना का उद्देश्य राज्यों में संचालित सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय कर सिर्फ एक बैंक स्थापित करना है. सरकार ने यह योजना डॉ. व्यास समिति की सिफारिशों के आधार पर शुरू की है. इसका उद्देश्य RRBs की परिचालन क्षमता और बैंकिंग शासन में सुधार करने के साथ-साथ बैंकों में मानव और तकनीकी संसाधनों का समुचित इस्तेमाल बैंकिंग संचालन की लागत को तर्कसंगत बनाना है.
योजना का उद्देश्य
- बैंकों की परिचालन दक्षता में सुधार और ओवरलैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को कम करना
- ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन का विस्तार करना
- बैंकिंग सेवाओं और प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों को स्टैंडर्ड बनाना
- आरआरबी की पूंजी को बढ़ाना
इस योजना के पीछे व्यास समिति का तर्क है कि एक राज्य में सिर्फ एक RRB होने से प्रतिस्पर्धा खत्म होगी. इसलिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 की धारा 23A(1) के तहत इन RRBs का सार्वजनिक हित में विलय किया जा रहा है.
इन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का होगा विलय
- आंध्र प्रदेश में आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक का 'आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक' में विलय किया जाएगा.
- उत्तर प्रदेश में आर्यावर्त बैंक, बड़ौदा यूपी बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक का 'उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक' में एकीकरण किया जाएगा.
- पश्चिम बंगाल में बंगीय ग्रामीण विकास, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तर बंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का विलय 'पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक' में किया जाएगा.
- बिहार में, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक का विलय बिहार ग्रामीण बैंक में किया जाएगा.
- गुजरात में, सौराष्ट्र ग्रामीण बैंक और बड़ौदा गुजरात ग्रामीण बैंक का विलय गुजरात ग्रामीण बैंक के रूप में किया जाएगा.
- जम्मू-कश्मीर में, जेएंडके ग्रामीण बैंक और एलाक्वाई देहाती बैंक का विलय जम्मू और कश्मीर ग्रामीण बैंक में किया जाएगा.
- कर्नाटक में, कर्नाटक विकास ग्रामीण बैंक और कर्नाटक ग्रामीण बैंक का कर्नाटक ग्रामीण बैंक में विलय किया जाएगा
- मध्य प्रदेश में, मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक और मध्यांचल ग्रामीण बैंक का मिलकर मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक बनेंगे, जिसका मुख्यालय इंदौर में है.
- महाराष्ट्र में, महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक और विदर्भ कोंकण ग्रामीण बैंक का विलय कर महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक बनाया जाएगा
- ओडिशा में ओडिशा ग्राम्य बैंक और उत्कल ग्रामीण बैंक का विलय ओडिशा ग्रामीण बैंक में होगा, जिसका मुख्यालय भुवनेश्वर में है.
- राजस्थान में, राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक और बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का विलय राजस्थान ग्रामीण बैंक होगा.
ग्रामीण बैंकों के ग्राहकों पर प्रभाव
आरआरबी के एकीकरण से बैंकों के काम करने के तरीके में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा. इसका असर ग्राहकों पर भी होगा.
ग्राहकों के लिए लाभ
- सभी शाखाओं में एक समान सेवाएं और शुल्क
- डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं, मोबाइल ऐप और एटीएम में सुधार
- तेज ऋण स्वीकृति और सरलीकृत कागजी कार्रवाई
- बेहतर शिकायत निवारण तंत्र
ग्राहकों पर संभावित प्रभाव
- मौजूदा खाता संख्या नहीं रह सकी है या नोटिस के साथ फिर से जारी की जा सकती है
- चेक बुक, डेबिट कार्ड और पासबुक को अपडेट करने की आवश्यकता हो सकती है
- सभी ग्राहकों को शाखा में बदलाव के बारे में पहले से ही सूचित किया जाएगा
- कुछ शाखाओं के लिए विलय के बाद नए IFSC कोड लागू हो सकते हैं