क्या है नेशनल हेराल्ड का मामला? भाजपा और कांग्रेस में छिड़ी जंग

national herald case: नेशनल हेराल्ड अख़बार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को चार्जशीट में नामजद किए जाने के बाद एक नया राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। भाजपा ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि कानून अपना काम कर रहा है, जबकि कांग्रेस नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार पर "राजनीतिक प्रतिशोध" का आरोप लगाया है।
रविशंकर प्रसाद ने लगाए आरोप
आज सुबह मीडिया को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक "कॉर्पोरेट साजिश" रची कि संपत्ति गांधी परिवार के हाथों में आ जाए।श्री प्रसाद ने कहा कि गांधी परिवार का "वाणिज्य में कोई सानी नहीं है"। उन्होंने कहा, "यह विकास का गांधी मॉडल है।"भाजपा नेता ने प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोपों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "एक अन्य सदस्य 3 करोड़ रुपये में जमीन खरीदता है और उसे 58 करोड़ रुपये में बेच देता है। देश को विकास का यह गांधी मॉडल सीखना चाहिए।प्रसाद ने कहा कि वह गांधी परिवार से पूछना चाहते हैं कि क्या "कानून को अपना काम नहीं करना चाहिए"। उन्होंने पूछा, "अगर आपने गलत तरीके से हजारों करोड़ की संपत्ति हड़प ली तो क्या सभी को चुप रहना चाहिए?" उन्होंने यह भी कहा कि गांधी परिवार को मामले को चुनौती देने के बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली।”
क्या है नेशनल हेरोल्ड
नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन 2008 में बंद हो गया। उसके बाद कांग्रेस ने अखबार के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को 90 करोड़ रुपए दिए। श्री प्रसाद ने कहा कि कोई राजनीतिक दल किसी निजी संस्था को धन नहीं दे सकता। बाद में AJL ने कहा कि वह ऋण नहीं चुका सकता। बाद में, यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) नामक एक कंपनी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 38-38 प्रतिशत शेयर हैं, ने AJL के लगभग सभी शेयर खरीद लिए और कई शहरों में इसकी संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया। उन्होंने कहा, "YIL एक गैर-लाभकारी संस्था थी। कोई नहीं जानता कि उन्होंने क्या धर्मार्थ कार्य किया है। AJL को 50 लाख रुपए दिए गए और ऋण माफ कर दिया गया।" श्री प्रसाद ने यह भी कहा कि 1938 में स्थापित नेशनल हेराल्ड अख़बार कांग्रेस के संरक्षण और समर्थन के बावजूद नहीं चल पाया। उन्होंने कहा, "आज़ादी के बाद, इस अख़बार का इस्तेमाल एक उचित अख़बार के तौर पर कम और विज्ञापन जुटाने और सरकारी सहयोग से बड़ी संपत्ति सुनिश्चित करने के मंच के तौर पर ज़्यादा किया गया।”उन्होंने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्थापित एक समाचार पत्र कांग्रेस के लिए "धन कमाने का साधन बन गया"।
कांग्रेस का आया जवाब
कांग्रेस ने इन आरोपों पर पलटवार किया है और आज देशव्यापी विशाल विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा कि आजादी से पहले अंग्रेज नेशनल हेराल्ड, गांधी परिवार और कांग्रेस से नफरत करते थे और अब उनकी जगह आरएसएस ने ले ली है। उन्होंने कहा, "गैर-लाभकारी कंपनी पर धन शोधन का मामला, जिसमें न तो धन का आदान-प्रदान हुआ और न ही संपत्ति के अधिकार हस्तांतरित किए गए, नरेंद्र मोदी के डर को दर्शाता है।" कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा, "हमें न्याय व्यवस्था पर भरोसा है। हम कानूनी तरीके से लड़ेंगे और न्याय पाएंगे। विपक्ष की आवाज दबाने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को निशाना बनाया गया है। मोदी सरकार के पास कोई सबूत नहीं है। वे सिर्फ विपक्ष की छवि खराब करना चाहते हैं।”