नो-कॉस्ट EMI क्या है? जानें कितना फायदा, कितना नुकसान

नो-कॉस्ट EMI क्या है? जानें कितना फायदा, कितना नुकसान

What is No-Cost EMI

What is No-Cost EMI

नई दिल्ली: What is No-Cost EMI: भारत में क्रेडिट कार्ड पर नो-कॉस्ट EMI सुविधा का चलन बढ़ रहा है, खास तौर पर फेस्टिव सीजन के दौरान. नो-कॉस्ट EMI के जरिए ग्राहक ब्याज का अतिरिक्त बोझ उठाए बिना प्रीमियम प्रोडक्ट खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं वे आसान और सुविधाजनक मासिक किस्तों पर पैसों का भुगतान कर सकते हैं.

क्रेडिट कार्ड यूजर्स को आसान और निर्बाध खरीदारी की सुविधा प्रदान करता है और संबंधित कार्ड जारी करने वाले वित्तीय संस्थान द्वारा स्थापित नियमों और शर्तों के अनुसार रिपेमेंट का एक व्यवस्थित तरीका प्रदान करता है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह वाकई एक अच्छी डील है?

नो-कॉस्ट EMI को समझें

नो-कॉस्ट EMI एक पेमेंट मैथड है, जिसमें कार्डहोल्डर किसी वस्तु की कीमत को निश्चित मासिक पेमेंट में विभाजित कर सकते हैं और कीमत वही होती है, जिस पर वस्तु खरीदी गई थी. यह कुछ अनोखा लगता है क्योंकि यह ग्राहकों को सीधे भुगतान किए बिना महंगी वस्तुएं खरीदने में सक्षम बनाता है. अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसे बड़े ई-कॉमर्स पोर्टल और रिटेल स्टोर HDFC बैंक, SBI और ICICI बैंक जैसे बड़े बैंकों के साथ साझेदारी में यह सेवा प्रदान करते हैं.

नो-कॉस्ट EMI कैसे काम करती है?

सरल शब्दों में कहें तो नो-कॉस्ट एक तरह से भ्रामक है. इसके के इस्तेमाल करने से पहले इससे जुड़े नियमों और शर्तों को ध्यान से समझना चाहिए. दरअसल, नो-कॉस्ट EMI योजना के तहत ग्राहकों को स्पष्ट रूप से ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ता है, ब्याज लागत आमतौर पर व्यापारी द्वारा वहन की जाती है या प्रोडक्ट की कीमत के एक कंपोनेंट के रूप में पेमेंट की जाती है.इसके अलावा बैंक कुछ मामलों में प्रोसेसिंग फीस भी लेते हैं, जो राशि का 1 से 3 प्रतिशत हो सकता है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसी योजनाओं के खिलाफ चेतावनी दी है क्योंकि इनमें प्रोडक्ट की कीमतों या प्रोसेसिंग फीस के रूप में शुल्कों को छिपाकर उचित मूल्य निर्धारण मानदंडों का उल्लंघन करने की क्षमता है.आवेदकों को हमेशा आवेदन करने से पहले ऑफर के नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए.

नो-कॉस्ट EMI के फायदे

इसमें स्मॉल पेमेंट की सुविधा मिलती है और यहबड़ी राशि को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटने में मदद करता है. इसमें तुरंत कर्ज मिल जाता है. वहीं, इसमें पुनर्भुगतान शर्तें लचीली और आसान होती हैं, जिससे लोन का भुगतान करना आसान होता है.

नो-कॉस्ट EMI के नुकसान

नो-कॉस्ट EMI में हिडन चार्जेस या प्रोसेसिंग फीस ली जा सकती है, जिससे वस्तु की कीमत अधिक हो सकती है. इसके अलावा अगर आप किस्त का भुगतान करने में विफल हो जाते हैं तो इसका प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है. खरीदारी में आसानी के कारण कई बार ग्राहक गैर जरूरी सामान खरीदने लेते हैं.

क्रेडिट कार्ड की नो कोस्ट ईएमआई एक महंगी खरीद के लिए धन जुटाने में काफी मददगार हो सकती है, लेकिन आपको इसके वित्तीय तनाव , छुपे हुए नियमों, शर्तों और हिडन चार्जेस ध्यान देना चाहिए.