क्या है खसरा बीमारी? भारत पर मंडराया इस बीमारी का खतरा

क्या है खसरा बीमारी? भारत पर मंडराया इस बीमारी का खतरा

 मिजल्स एक संक्रमित बीमारी है जिसे खसरा के नाम से भी जाना जाता है।

 

WHO Health Report: मिजल्स एक संक्रमित बीमारी है जिसे खसरा के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी छोटे बच्चों को अपना निशाना बनाती हैं, हालांकि यह किसी भी उम्र के इंसानों को हो सकता है, लेकिन खास तौर पर छोटे बच्चे इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं। इसी बीमारी को लेकर WHO ने एक रिपोर्ट जारी किया है, जिसके तहत बताया गया कि भारत में इस बीमारी का खतरा बड़ी जोरो शोरों से बढ़ रहा है, और समय रहते इसे रोकना अनिवार्य है। तो चलिए पूरे विस्तार से जानते हैं कि यह बीमारी क्या है और इससे कैसे बचा जाए।

 

क्या होती है खसरा की बीमारी?

 

खसरा एक संक्रमित बीमारी है जो, छींकने और खांसने से हो सकती है, इस बीमारी की चपेट में बच्चे और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग जल्द ही आ जाते हैं। बुखार होना, सूखी खांसी आना, नाक का बहाना या बंद होना, आंखों का जलन और लाल पढ़ना, शरीर पर लाल धब्बे होना, मुंह के अंदर सफेद दाग जैसे लक्षण खसरा के होते हैं। यह बीमारी बच्चों को अपना निशाना बनाती है। भारत में छोटे बच्चे इस बीमारी की चपेट में अधिक मात्रा में आ रहे हैं।

 

क्या है इस बीमारी का इलाज़

 

इस बीमारी का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रख व शरीर का ख्याल रखकर इस बीमारी से दूर रहा जा सकता है। कहा जाता है कि इस बीमारी से बचने के लिए शरीर को हमेशा हाइड्रेटेड रखना चाहिए। इसके अलावा पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए। डाइट में विटामिन सी रिच फूड्स ज्यादा से ज्यादा शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही घर में साफ सफाई और हाइजीन रखना चाहिए, जिससे एक स्वच्छ वातावरण का निर्माण हो और छोटे बच्चे इसकी चपेट में न आ सकें।

 

क्या कहा WHO ने

आपको बता दे की खसरा की घटनाओं में वैश्विक स्तर पर 20 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है। 2023 में 10.3 मिलियन मामले दर्ज किए गए थे जिसमें अनुमानित मौतों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 8 फ़ीसदी बढ़ गई है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार 57 देश में खसरा की बीमारी का खतरा मंडरा रहा है, जिसमें भारत दूसरे नंबर पर है। इसका कारण खसरा के टीकाकरण में आई कमी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर 2023 में 22.2 मिलियन बच्चे अपनी पहली वैक्सीन खुराक लेने से चूक गए जो पिछले वर्ष की तुलना में दो फीसदी बढ़ी।