आजम खान की दिक्कत क्या है? क्यों नहीं रख पाते जुबान पर कंट्रोल
senior Samajwadi Party leader Azam Khan. file photo
Azam Khan controversial remark on women : विवाद और समाजवादी पार्टी आजम खान अब एक दूसरे के पर्याय हो गए लगते हैं। वह मामला चाहे (Actress jaya prada and Azam khan) अभिनेत्री जया प्रदा से जुड़ा हो या फिर लोकसभा में रमा देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का हो, अपने बिगड़े बोल के लिए उन्हें न केवल चहूं ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि पुलिस केस और फिर जेल तक की यात्रा भी करनी पड़ रही है। साल 2019 में इन्हीं भड़काऊ बयानों के चलते विधानसभा से उनकी सदस्यता भी खत्म हो चुकी है। सवाल यही है कि आखिर आजम खान के बोल मर्यादित क्यों नहीं रहते? (objectionable statement on women By samajwadi party leader Azam Khan) अब महिला समाज के प्रति उनके एक बयान पर हंगामा कायम है, इस बयान के खिलाफ एक महिला की शिकायत पर उन पर केस दर्ज हो चुका है।
1974 में पूरी की थी कानून की पढ़ाई
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से 1974 में एलएलबी करके निकले आजम खान ने शुरुआत में वकालत की और फिर उनका रूख राजनीति की तरफ हो गया। वे नौ बार रामपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। वे समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य भी हैं। हालांकि समाजवादी पार्टी में उनका आना-जाना लगा रहा है। 1980 और 1992 के बीच वे चार अन्य राजनीतिक दलों के सदस्य रहे हैं। अपने पहले कार्यकाल (उत्तर प्रदेश की 8 वीं विधान सभा) के दौरान, वे जनता पार्टी (सेकुलर) के सदस्य थे। अपने दूसरे कार्यकाल (उत्तर प्रदेश की 9 वीं विधानसभा) के दौरान, वे लोक दल के सदस्य थे। खान अपने तीसरे कार्यकाल (उत्तर प्रदेश की 10 वीं विधानसभा) के दौरान जनता दल के सदस्य थे। अपने चौथे कार्यकाल (उत्तर प्रदेश की 11 वीं विधानसभा) में, वे जनता पार्टी के सदस्य रहे। 1993 से (उनका पांचवां कार्यकाल और उत्तर प्रदेश की 12 वीं विधान सभा), वे समाजवादी पार्टी के सदस्य रहे हैं।
विवादित बोल ही ले डूबे विधायकी
रामपुर विधानसभा सीट आजम खान का गढ़ मानी जाती है। हालांकि साल 2019 में एक भड़काऊ भाषण के बाद उनकी इस सीट से विधायकी निरस्त कर दी गई। अब इसी सीट पर उपचुनाव हो रहा है और इस उपचुनाव में भी उनके बोल बिगड़ रहे हैं। इतना कुछ होने के बाद भी वे संभल कर बोलते नहीं दिखते। अब एक बार फिर उनके एक बयान पर हंगामा बरप गया है। इस बयान पर उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज हो चुका है।
फिर क्या बोल गए आजम खान
29 नवंबर को रामपुर के शुतरखाना में जनसभा के दौरान आजम खान की पीड़ा जाहिर हो गई, हालांकि उनके शब्द सही नहीं थे। उन्होंने कहा, आज मेरे साथ या हमारे लोगों के साथ हो रहा है, उसका इंतकाम लेने के लिए जरूर कोई पैदा होगा। भले ही मैं तब रहूं या न रहूं, लेकिन आप तो रहेंगे ही। जैसा सलूक आज मेरे साथ हो रहा है, अगर वैसा मैंने 4 सरकारों में किया होता तो बच्चा मां के पेट से पैदा होने से पहले पूछता बाहर निकलना है या नहीं। आजम खान का यह बयान शर्मनाक और महिला समाज का अपमान करने वाला है। इस बयान के बाद शहनाज नामक महिला ने उनके खिलाफ गंज थाने में केस दर्ज करा दिया है।
महिलाओं की गरिमा के खिलाफ बोला
शिकायतकर्ता शहनाज का कहना है कि आजम खान ने महिलाओं की गरिमा के खिलाफ बयान दिया है। उनके अनुसार हम सभी लोग उन्हें वोट देते रहे हैं, लेकिन उन्होंने हमारी गरिमा के ही खिलाफ बयान दिया है। उनका यह बयान तो सभी मां-बहनों के खिलाफ हैं। अब उनके खिलाफ 394बी, 354ए, 353ए समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है। दरअसल आजम खान की रामपुर में जबरदस्त लोकप्रियता रही है और 1980 के बाद से वह 10 बार विधायक रहे हैं। मुलायम सिंह यादव से लेकर अखिलेश यादव तक की सरकार में वे मंत्री थे।
तब रामपुर के नवाब को दी थी चुनौती
रामपुर विधानसभा का इतिहास नवाबी रहा है। वकालत करते हुए आजम खान ने मजदूरों के नेता के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर ली थी। उन्होंने उस समय रामपुर के नवाब को चुनौती दी थी और उसके बाद राजनीति में कदम बढ़ाते चले गए। समाजवादी पार्टी ने उनको सिर माथे पर रखा लेकिन आजम खान अपनी जुबान पर नियंत्रण नहीं रख पाते। आजकल वे सहानुभूति हासिल करने के लिए भावुकता पूर्ण बयान देते हैं, लेकिन उन बयानों में तीखी टिप्पणियां होती हैं, जोकि खुद सपा नेताओं को असहज कर देती हैं। वे तो खुद को गोली मारने और कभी खुदकुशी तक की बात करते हैं।
हेट स्पीच में भुगत चुके 3 साल की सजा
भड़काऊ भाषण के मामले में आजम खान को तीन साल की सजा हो चुकी है। (Azam Khan was sentenced to 3 years imprisonment b¤y the court for giving provocative speeches and using indecent language) उन पर छह हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने सजा देने के साथ ही आजम को जमानत भी दे दी है। आजम के खिलाफ तीन धाराओं में केस दर्ज हुआ था। तीनों ही मामलों में उन्हें दोषी माना गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि भाषण के दौरान आजम खां ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।