हाथरस हादसा: सत्संग में क्या हुआ...कैसे मची भगदड़, पैरों से कुचले महिलाएं और बच्चे; 116 मौतों का खौफनाक मंजर

हाथरस हादसा: सत्संग में क्या हुआ...कैसे मची भगदड़, पैरों से कुचले महिलाएं और बच्चे; 116 मौतों का खौफनाक मंजर

Hathras Satsang Stampede

Hathras Satsang Stampede

हाथरस। Hathras Satsang Stampede: जीटी रोड के किनारे डेढ़ सौ बीघा क्षेत्रफल में बनाए गए विशालकाय पंडाल में साकार विश्व हरि भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को अमंगल हो गया। सत्संग के बाद भाेले बाबा के काफिले को निकलने के लिए श्रद्धालुओं को रोका गया, लेकिन आयोजक भीड़ को नहीं संभाल पाए। 

बाबा का काफिला हाईवे पर पहुंचते ही बेकाबू हुई भीड़ में भगदड़ मच गई। भगदड़ में हाईवे के दूसरे किनारे पर खेत में एक के ऊपर एक गिरे श्रद्धालुओं में से 116 की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए हैं। हादसे के बाद घंटों तक चीत्कार मचा रहा। 

एक घंटे बाद प्रशासनिक अमला पहुंचा और राहत कार्य शुरू कराया गया। मरने वालों का आंकड़ा देर रात तक बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इतनी भीड़ जुटने के बाद भी प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे।

डेढ़ सौ बीघा में 15 दिनों से तैयारियां 

मूल रूप से कासगंज के पटियाली के रहने वाले साकार विश्व हरि भोले बाबा का माह के पहले मंगलवार को होने वाले मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम सिकंदराराऊ की समिति को सौंपा गया था। 

कस्बे से छह किमी दूर जीटी रोड के किनारे फुलरई गांव में डेढ़ सौ बीघा में पिछले 15 दिनों से तैयारियां चल रही थीं। इसके लिए प्रदेश के कई जिलों के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड से श्रद्धालु दो दिन पहले ही पहुंचने लगे। 

मंगलवार सुबह आठ बजे से ही पंडाल भर चुका था। दोपहर 12 बजे भोले बाबा अपनी पत्नी के साथ पहुंचे और सत्संग शुरू हुआ। दोपहर एक बजे सत्संग समाप्त हुआ और इसके बाद आरती शुरू हो गई। 

ये है भगदड़ का घटनाक्रम

डेढ़ बजे बाबा का काफिला आयोजन स्थल से मैनपुरी के लिए निकला। इसके लिए मंच के बगल से हाईवे तक का रास्ता बनाया गया था। आयोजकों ने प्रवेश द्वार के पास भीड़ को रोक दिया। 

इससे पहले हजारों की संख्या में श्रद्धालु हाईवे के दूसरी तरफ दर्शन के लिए खड़े हो गए थे। जैसे ही बाबा का काफिला हाईवे पर प्रवेश द्वार के सामने पहुंचा, वैसे ही भीड़ दर्शन को दौड़ी। इसके बाद हालात बेकाबू हो गए। 

बाबा का काफिला आगे बढ़ा और हाईवे किनारे खड़े लोगों पर सामने से आए श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ा। इससे सैकड़ों श्रद्धालु गिरते हुए खेतों की तरफ भागे। इसके बाद एक के ऊपर एक लोग गिरते गए और चीख-पुकार मच गई। व्यवस्था में जुटे बाबा के सेवादारों ने दबे लोगों को निकाला, लेकिन तब तक कइयों के सांसे थम चुकी थीं। 

Hathras Satsang Stampede

एडीजी, मुख्य सचिव और डीजीपी भी पहुंचे

घटना की सूचना पर एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ समेत मंडल के अधिकारी पहुंचे गए और राहत कार्यों की स्थिति देखी। रात में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार भी पहुंच गए। शवों को हाथरस, एटा, अलीगढ़ और आगरा पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। वहीं घायलों का उपचार चल रहा है। 

पुलिस को आयोजकों की तलाश

सत्संग के बाद भोले बाबा को मैनपुरी के बिछवां पहुंचना था, लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे। पुलिस आयोजकों की तलाश भी कर रही है। एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि अब तक 116 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। आयोजक को हिरासत में लिया गया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। घटना की जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है।

राष्ट्रपति, पीएम ने जताई संवेदनाएं, पहुंचेंगे सीएम योगी

हादसे पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटनास्थल पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण, एमएलसी ऋषिपाल सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधि घटनास्थल पर पहुंचे। 

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद दी जा रही है। घायलों का निशुल्क उपचार कराया जा रहा है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचेंगे।

आयोजन को लेकर लापरवाह रहा प्रशासन

आयोजकों की ओर से प्रशासन से अनुमति ली गई, लेकिन प्रशासन ने भीड़ के बारे में जानकारी लिए बिना ही अनुमति पत्र जारी कर दिया। हाईवे किनारे डेढ़ लाख से ज्यादा की भीड़ जुटी, लेकिन सुरक्षा के नाम पर एक दर्जन पुलिसकर्मी लगाए गए थे। 

घटना के बाद अलीगढ़ मंडल के सभी जिला स्तरीय अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। घटनास्थल पर पहुंचे एडी हेल्थ मोहन झा ने बताया कि अलीगढ़, हाथरस, कासगंज व एटा जनपद के सभी जिला अस्पतालों में घायलों के उपचार की समुचित व्यवस्था की गई है। 

अवकाश पर गए चिकित्सक व विशेषज्ञों को अस्पतालों में तैनात रहने को कहा है। दूसरी ओर, चारों जिलों में पोस्टमार्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।