By: Rochita
october 18, 2024
नासा (NASA) के अनुसार, मंगल ग्रह के लाल होने की मुख्य वजह उसकी सतह पर मौजूद लौह ऑक्साइड है, जिसे आमतौर पर जंग के नाम से जाना जाता है। मंगल की मिट्टी, चट्टानों और धूल में लौह (आयरन) तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।जो सतह को लाल रंग की रंगत देता है।
मंगल पर नियमित रूप से धूल के तूफान उठते हैं, जो इस लाल रंग की धूल को पूरे ग्रह के वातावरण में फैला देते हैं।
इससे भी ग्रह का रंग लाल दिखाई देता है। नासा के अनुसार, ये धूल कण मंगल के पतले वातावरण में भी हवा में तैरते रहते हैं, जिससे ग्रह की रंगत को और अधिक लाल बनाते हैं।
मंगल ग्रह की सतह से सूर्य का प्रकाश परावर्तित होकर पृथ्वी पर आता है। सतह की लाल रंग की धूल और चट्टानों के कारण, यह प्रकाश भी लाल रंग में बदल जाता है
जिससे मंगल हमें लाल ग्रह के रूप में दिखता है। यह विज़ुअल इफेक्ट नासा के स्पेस मिशनों द्वारा भी स्पष्ट किया गया है।
नासा ने अपने मंगल मिशनों जैसे कि मार्स रोवर्स (Spirit, Opportunity, Curiosity, Perseverance) के माध्यम से इस बात की पुष्टि की है कि मंगल की सतह पर यह जंग बहुत लंबे समय से बन रहा है।
नासा के अनुसार, मंगल ग्रह के लाल होने का यह प्रमुख कारण ग्रह के भू-रासायनिक इतिहास और उसमें मौजूद तत्वों की क्रियाओं से जुड़ा है। स्टोरी अच्छी लगी हो तो शेयर करने न भूले