सेम में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा बहुत कम हो जाता है.
सेम खाने से एनर्जी लेवल भी बेहतर बना रहता है और इससे आयरन की कमी भी नहीं होती है.
सेम में पाया जाने वाला प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर के कार्यों में सहायता करता है और हार्मोन जैसे सरेरोटोनिन और डोपामाइन को संयोजित करता है जो हमें शांत करने में मदद करते हैं
सेम में पाए जाने वाले खनिज सेलेनियम, मैंगनीज और जस्ता आदि फेफड़े के विकार से पीड़ित लोगों की सहायता करते हैं.
सेम में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा नींद, कम स्तर के कोर्टिसोल और मेलाटोनिन की उच्च सांद्रता को बढ़ाने में मदद करती है.
सेम में मौजूद तांबा थकान, खराब मूड, एकाग्रता की समस्या और कम चयापचय को ख़त्म करता है.इसमें एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण ये मुक्त कणों के कारण होने वाले नुकसान से भी बचाता है.
इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम भी होता है जो मांसपेशियों की ऐंठन को कम करके इनके ताकत में सुधार करता है.
इसमें पाए जाने वाले जिंक में एंटीऑक्सिडेंट और सूजन को कम करने वाले गुण मौजूद होते हैं. इससे ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने और रोगों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है.
सेम में विटामिन बी6, थाइमीन, पैंथोथेनिक एसिड और नियासिन पाए जाते हैं. .