महाराष्ट्र चुनाव के दौरान हुआ था घोटाला? बॉम्बे हाई कोर्ट ने मांगा ECI और केंद्र से जवाब

महाराष्ट्र चुनाव के दौरान हुआ था घोटाला? बॉम्बे हाई कोर्ट ने मांगा ECI और केंद्र से जवाब

केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग के खिलाफ चेतन चंद्रकांत अहीरे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दर्ज की है

 

Election Commission Of India: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 20 नवंबर 2024 को विधानसभा चुनाव के संचालन के दौरान एक गड़बड़ी के संबंध में रिटन याचिका पर जवाब मांगा है। जिसमें अंतिम मिनट में वोट डाले गए और चुनाव के दौरान की गड़बड़ियां शामिल है।

 

किसने की याचिका दायर

 

केंद्र सरकार और भारत के चुनाव आयोग के खिलाफ चेतन चंद्रकांत अहीरे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दर्ज की है और अपना तर्क दिया है, कि मतदाता सूची में नाम छूट जाने तथा अन्य गड़बड़ी के कारण इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के माध्यम से चुनाव प्रक्रिया की सुरक्षा, सटीकता, विश्वसनीयता और सत्यापन को खतरा है। याचिका में कहा गया है, कि मतदान के अंतिम मिनट में 7.5 मिलियन से अधिक वोट डाले गए जिसके लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। इसके अलावा जब तीन दिन बाद 23 नवंबर 2024 को परिणाम घोषित किए गए तो 95 निर्वाचन क्षेत्र में गड़बड़ी पाई गई, जबकि 19 निर्वाचन क्षेत्र में गिने गए वोटो की संख्या डाले गए वोटो से अधिक थी। अन्य 76 निर्वाचन क्षेत्र में गिने गए वोटो की संख्या से अधिक वोट डाले गए थे। संदेश मोर और हितेंद्र गांधी के माध्यम से दायर याचिका पर प्रकाश आंबेडकर ने दलील दी कि उन्होंने चुनाव आयोग से जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्होंने इस जानकारी को देने से इनकार कर दिया।

 

ECI पर उठ रहें है कई सवाल

इस दायर याचिका में निर्वाचन अधिकारियों के लिए हैंडबुक 2019 में चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशको का पालन करने में निर्वाचन अधिकारी की विफलता की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है। याचिका में कहा गया है कि भारत में EVM की संभावित कमजोरी के बारे में चिंताएं विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा बार-बार उठाई गई हैं, जिससे सिस्टम में लोगों का भरोसा और काम हो रहा है। अब समय आ गया है कि EVM को पूरी तरह से हटा दिया जाए और बैलट बॉक्स के इस्तेमाल पर वापस लौट आया जाए, जो ज्यादा पारदर्शिता जवाब देही और सत्यापन की सुविधा प्रदान करता है, जिससे लोकतांत्रिक प्रणाली में लोगों का भरोसा फिर से बढ़ेगा।

 

सम्पूर्ण जांच का किया गया है ऐलान

याचिका में प्रत्येक मतदान केंद्र पर आधिकारिक समापन समय के बाद मतदाताओं को वितरित किए गए टोकनों की सटीक संख्या, वितरित किए गए टोकनों की कुल संख्या और राज्य के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए मतदान, किए गए कुल मतों की संख्या का विस्तृत खुलासा करने का प्रावधान करने का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा न्यायालय से कानूनी प्रावधानों का पालन करने के कारण परिणाम को निरस्त घोषित करने और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा जारी किए गए निर्वाचन प्रमाण पत्रों को तत्काल वापस लेने का भी आग्रह किया गया है। इस याचिका के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारत के मुख्य चुनाव आयोग और महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव निर्वाचन अधिकारियों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।