कुत्तों ने वाघ बकरी चाय के मालिक को मार डाला! 50 साल की उम्र में ही दुनिया छोड़ गए पराग देसाई, सिर पर आई थी गहरी चोट
Wagh Bakri Tea Group Parag Desai Died Attack By Street Dogs
Wagh Bakri Parag Desai Died: भारत की जानी-मानी चाय कंपनी वाघ बकरी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और मालिक पराग देसाई की अहमदाबाद में मौत हो गई है। पराग देसाई की उम्र अभी करीब 50 साल थी। वह कुत्तों के हमले के चलते अपनी जान गवां बैठे। बताया जाता है कि, पराग देसाई सुबह की सैर करने निकले थे कि इसी दौरान उनके घर के नजदीक ही कुछ आवारा कुत्तों ने भौंकते हुए उनपर हमला कर दिया। जहां कुत्तों से बचने के लिए पराग देसाई मौके से जब भागे तो वह स्लिप कर गए और जमीन पर सिर के बल गिर पड़े। जिसके चलते उनके सिर पर गहरी चोट आई और वह ब्रेन हेमरेज का शिकार हो गए। चोटिल हुए पराग देसाई को एक अच्छे निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था। जहां उनका इलाज चला कि लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.
15 अक्टूबर से चल रहा था इलाज
मिली जानकारी के अनुसार, पराग देसाई गुजरात के अहमदाबाद स्थित अपने घर के पास 15 अक्टूबर को सुबह की सैर करने निकले थे। जहां इस बीच उनपर कुत्तों ने हमला किया और वह गिरकर चोटिल हो गए। गिरने से उनके सिर में गंभीर चोट लगी। उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। इलाज के लिए सबसे पहले उन्हें अहमदाबाद के शेल्बी अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां उनका इलाज चल ही रहा था कि हालत बिगड़ने के चलते उन्हें एक अन्य निजी अस्पताल में रेफर किया गया। इस अस्पताल में पराग देसाई की तत्काल सर्जरी की गई, लेकिन दुर्भाग्य से देसाई की हालत लगातार और बिगड़ती गई और 22 अक्टूबर को उनकी सांसें हमेशा-हमेशा के लिए थम गईं।
भारतीय उद्योग जगत को बड़ा नुकसान
पराग देसाई की मौत से जहां उनके परिवार और वाघ बकरी चाय ग्रुप को भारी नुकसान पहुंचा है तो वहीं पूरे भारतीय उद्योग जगत के लिए भी ये एक बड़ा नुकसान है। पराग देसाई एक काबिल उद्योगपति थे। उन्होने वाघ बकरी चाय ग्रुप को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया। वाघ बकरी चाय ग्रुप का आज जितना भी नाम है उसमें पराग देसाई की बेहद अहम भूमिका है। बताते हैं कि, देसाई ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में लॉन्ग आइलैंड विश्वविद्यालय से एमबीए किया था। देसाई वाघ बकरी चाय ग्रुप की चौथी पीढ़ी के मालिक बने। 1995 में कंपनी में शामिल होने के बाद, जब इसका मूल्य 100 करोड़ रुपये से कम था, देसाई ने वाघ बकरी चाय समूह को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज देसाई के नेतृत्व में ही कंपनी भारत की अग्रणी डिब्बाबंद चाय कंपनियों में से एक बन गई है, जिसका कारोबार 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है, वाघ बकरी चाय समूह 24 भारतीय राज्यों में काम करता है और लगभग 60 देशों को अपने उत्पादों को निर्यात करता है।