बिहार में तीसरे चरण के चुनाव में 5 लोकसभा सीट पर आज हो रहा मतदान
Lok Sabha Election 2024
एनडीए और महागठबंधन की लड़ाई में किसका पलड़ा है भारी
अर्थप्रकाश / मुकेश कुमार सिंह
पटना / बिहार। Lok Sabha Election 2024: बिहार लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 54 प्रत्याशियों की सियासी किस्मत का फैसला होना है। इस चरण में बेहद दिलचस्प चुनावी लड़ाई के आसार दिख रहे हैं। गौरतलब है कि मतदान को लेकर सारी तैयारियाँ, पूरी कर ली गई हैं। हाँलाँकि उम्मीदवार मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए, अंतिम समय में भी हर मुमकिन कोशिश करने में लगे हुए हैं।
तीसरे चरण में आज 5 लोकसभा सीट झंझारपुर, अररिया, सुपौल, मधेपुरा और खगड़िया संसदीय क्षेत्र के मतदाता मतदान करेंगे। इस चरण में मतदाता, 54 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें तीन महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। इस चरण में 19 प्रत्याशी निर्दलीय हैं। सर्वाधिक 15 उम्मीदवार सुपौल में और सबसे कम मधेपुरा में आठ प्रत्याशी मैदान में हैं। बिहार निर्वाचन आयोग के मुताबिक बिहार में तीसरे चरण के चुनाव में कुल 98.60 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनके लिए 9,848 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इस चरण में सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हैं। मतदान के मद्देनजर नेपाल की सीमा को सील कर दिया गया है। सुरक्षा के लिहाज से, हर तरफ चौकसी बढ़ा दी गयी है। इस चरण में प्रमुख प्रत्याशियों की बात करें तो सभी पाँच क्षेत्रों में, मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है। गौरतलब है कि सुपौल और झंझारपुर में लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश जरूर की गयी है। बताना लाजिमी है कि इन सभी सीटों पर 2019 के संसदीय चुनाव में, एनडीए ने जीत का परचम लहराया था। इस चुनाव में भी एनडीए ने जहाँ इन सभी सीटों को एक बार फिर से अपने पाले में रखने के लिए, अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं महागठबंधन ने भी इन सीटों पर अपना कब्जा जमाने के लिए दिन-रात मेहनत की है। इन पाँच सीटों में इस बार महागठबंधन की तरफ से राजद ने तीन सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि एक सीट पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) और एक पर माकपा के उम्मीदवार हैं। मधेपुरा सीट पर जदयू ने एक बार फिर से दिनेश चंद्र यादव को उतारा है, जिनका सीधा मुकाबला राजद के डॉक्टर कुमार चंद्रदीप से है। मधेपुरा सीट को लगभग जीती हुई सीट मान कर, बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान, प्रचार के लिए किसी भी बड़े चेहरे को नहीं उतारा। सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने ही सबसे बड़े चेहरे के तौर पर, मधेपुरा लोकसभा के लिए चुनाव प्रचार किये। झंझारपुर में मुकाबला त्रिकोणात्मक बनाने को लेकर बसपा के गुलाब यादव ने पूरा जोर लगाया है। वैसे इस सीट पर जदयू ने एकबार फिर से रामप्रीत मंडल को ही चुनावी मैदान में उतारा है। महागठबंधन की ओर से विकासशील इंसान पार्टी के सुमन कुमार महासेठ चुनावी रण में ताल ठोंक रहे हैं। जाहिर सी बात है कि मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच है। लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने ताकतवर गुलाब यादव को चुनावी अखाड़े में उतार कर, एनडीए और महागठबंधन की रणनीति को गड़बड़ाने की भरपूर कोशिश की है। गुलाब यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान, सारे लुभावने तरीके को आजमाया है। इससे चुनाव बेहद रोमांचक स्थिति में है। खगड़िया में लोजपा (रामविलास) की ओर से इस बार, चौधरी महबूब अली कैसर की जगह राजेश वर्मा को चुनाव मैदान में हैं। महागठबंधन की तरफ से माकपा के संजय कुमार उम्मीदवार हैं। दीगर बात है कि खगड़िया संसदीय सीट पर, महागठबंधन को एक दशक से जीत का इंतजार है। यहाँ भी टक्कर, बेहद जोरदार है। सुपौल सीट भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यहाँ से जदयू ने दिलेश्वर कामत को फिर से दुहराया है। राजद से चंद्रहास चौपाल प्रत्याशी हैं। इन दोनों के बीच मुकाबला, कांटे का माना जा रहा है। वैसे यहाँ से निर्दलीय प्रत्याशी बैद्यनाथ मेहता भी, पूरा जोर लगाए हुए हैं। सीमांचल की बेहद खास सीट अररिया से भाजपा के प्रदीप सिंह और राजद के शाहनवाज आलम के बीच कड़ा मुकाबला है। प्रदीप सिंह ने 2019 का चुनाव, बड़े अंतर के साथ चुनाव जीता था। बेहद महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सीट पर, हिन्दू-मुस्लिम फैक्टर हावी है। हमारे निगाहें भी इन पाँचो सीट पर, दिनभर मतदाताओं के मत प्रतिशत और रुझान पर टिके रहेंगे। एनडीए और महागठबंधन की पूरी ताकत, शाम होने तक ईवीएम में कैद हो जाएगा।