यूपी चुनाव के चौथे चरण में 59 सीटों पर वोटिंग जारी, मायावती ने लखनऊ में डाला वोट
यूपी चुनाव के चौथे चरण में 59 सीटों पर वोटिंग जारी, मायावती ने लखनऊ में डाला वोट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए नौ जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शुरू हो गया है। पोलिंग पार्टियों ने मतदान प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए पहले माक पोलिंग से ईवीएम को परखा। चौथे चरण में चार मंत्रियों सहित 624 प्रत्याशी मैदान में हैं। 2017 में नौ जिलों की 59 सीटों में से 51 भाजपा गठबंधन के पास थीं। चार पर समाजवादी पार्टी तथा दो-दो पर बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में डाला अपना वोट : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को प्रात: सात बजे लखनऊ में मतदान किया। माल एवेन्यु में बसपा मुखिया ने अपने आवास के पास ही लखनऊ मांटेसरी स्कूल में जाकर अपना वोट डाला। लखनऊ मांटेसरी स्कूल में सुबह से ही लाइन लगी थी, इसी बीच में मायावती ने भी लाइन में लगकर अपने अधिकार का प्रयोग किया। लखनऊ मोंटेसरी स्कूल में बने मतदान केन्द्र में चौथे चरण के लिए चार बूथों पर मतदान हो रहा है।
चौथे चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा व फतेहपुर में मतदाता सुबह से ही मतदान करने से लिए लाइन में लगे हैं। चौथे चरण में 2.13 करोड़ मतदाता 624 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 91 महिला प्रत्याशी हैं। इस चरण में 16 सीटें सुरक्षित हैं। चुनाव आयोग ने निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 2017 में इन सीटों पर 62.55 प्रतिशत मतदान हुआ था।
दांव पर कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा: चौथे चरण में योगी आदित्यनाथ सरकार के चार मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। लखनऊ पूर्व से नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन व लखनऊ कैंट से कानून मंत्री ब्रजेश पाठक चुनाव लड़ रहे हैं। रणवेंद्र प्रताप सिंहउर्फ धुन्नी सिंह फतेहपुर की हुसैनगंज व सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) कोटे से मंत्री जय कुमार सिंह जैकी बिंदकी सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय से नौकरी छोड़कर आए राजेश्वर सिंह लखनऊ की सरोजनीनगर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट से सपा सरकार में मंत्री रहे अभिषेक मिश्र उनको टक्कर देने के लिए खड़े हैं। लखनऊ मध्य से सपा के रविदास मल्होत्रा की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। विधान सभा उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल इसी चरण में हरदोई से चुनाव लड़ रहे हैं। रायबरेली में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आईं अदिति सिंह मैदान में हैं। रायबरेली की ऊंचाहार सीट से सपा के पूर्व मंत्री मनोज पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं।
सुरक्षा के व्यापक प्रबंध : मतदान के लिए केंद्रीय बलों की 860 कंपनियां तैनात की गई हैं। इनमें से बूथों पर 800 कंपनी, स्ट्रांग रूम ड्यूटी के लिए छह कंपनी लगाई गई है। करीब 53 कंपनी केंद्रीय बल कानून व्यवस्था पर अपनी पैनी नजर रखेगा। इसके अलावा पुलिस के 7,022 इंस्पेक्टर एवं सब इंस्पेक्टर, 58,132 मुख्य आरक्षी एवं आरक्षियों को लगाया गया है। इनके साथ 21 कंपनी पीएसी, 50,490 होमगार्ड, 1850 पीआरडी जवान व 8,486 चौकीदारों को भी चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है। शांतिपूर्ण व निष्पक्ष मतदान के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध हैं। चौथे चरण में 13,817 मतदान केन्द्रों के 24,643 मतदेय स्थलों (पोलिंग बूथ) पर वोट डाले जाएंगे। आयोग ने 874 आदर्श मतदान केंद्र बनाए हैं। 142 पिंक पोलिंग बूथ भी बने हैं। इनमें सभी कर्मी महिलाएं होंगी। दिव्यांगजन की सुविधा के लिए सभी मतदान केंद्रों पर व्हील चेयर व जगह-जगह वालंटियर की भी व्यवस्था की गई है।
2017 में 59 में से 50 सीटें थीं भाजपा के पास : वर्ष 2017 के चुनाव में इन 59 सीटों में से 50 सीटें भाजपा के पास थीं। सपा के पास चार, कांग्रेस व बसपा के पास दो-दो सीटें ही थीं। एक सीट अपना दल के खाते में आई थी। वहीं, 2012 के विधान सभा चुनाव में सपा के खाते में 39 सीटें थीं। बसपा के पास 12, भाजपा के पास चार, कांग्रेस के पास तीन व पीस पार्टी के पास एक सीट थी।
चौथा चरण : एक नजर में
-कुल मतदाता : 2.13 करोड़
पुरुष मतदाता : 1.14 करोड़
महिला मतदाता : 99.30 लाख
थर्ड जेंडर मतदाता : 966
कुल प्रत्याशी : 624
महिला प्रत्याशी : 91
कुल इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) : 24,643
माइक्रो आब्जर्वर : 3110
सामान्य प्रेक्षक : 57
व्यय प्रेक्षक : 18
पुलिस प्रेक्षक : 09
मतदान में लगे कार्मिक-1,15,725
मतदान कार्य में लगे हल्के वाहन : 5,595
मतदान कार्य में लगे भारी वाहन : 5,773
आदर्श मतदान केंद्र-874
पिंक बूथ-142।
भाजपा और सपा की ताकत व कमजोरी
भारतीय जनता पार्टी की ताकत : पिछले चुनाव में भाजपा 59 में से 50 सीटें जीती थी। कार्यकर्ताओं में उत्साह है।
- इनमें अवध और बुंदेलखंड क्षेत्र की भी सीटें हैं, जहां स्थिति मजबूत मानी जाती है।
- राम मंदिर निर्माण शुरू होने से भी भाजपा को अवध में और मजबूती की उम्मीद है।
भाजपा की कमजोरी: इन सीटों में लखीमपुर खीरी और आसपास की सीटें भी आती हैं, जहां किसानों को रौंदने की घटना में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का पुत्र आरोपित है।
- पीलीभीत, पलिया, निघासन आदि क्षेत्रों के कुछ किसान कृषि कानून विरोधी आंदोलन में सक्रिय रहे थे। वह नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
- कुछ सीटों पर स्थानीय विधायकों से नाराजगी थी और भाजपा ने बहुत कम ही टिकट काटे हैं।
समाजवादी पार्टी की ताकत: बेसहारा पशु वाला मुद्दा सपा लगातार उठा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में इससे लाभ की उम्मीद।
- 300 यूनिट बिजली फ्री का मुद्दा इस अंचल की ग्रामीण आबादी को लुभा सकता है।
- लखीमपुर खीरी, पीलीभीत आदि क्षेत्रों में सपा किसानों के मुद्दे को भाजपा के खिलाफ भुना सकती है।
सपा की कमजोरी : परंपरागत यादव और मुस्लिम मतदाता तुलनात्मक रूप से कम है।
- भाजपा के कई कद्दावर नेताओं का क्षेत्र है अवध, जहां उनका स्थानीय प्रभाव सपा के लिए चुनौती होगा।
- गरीब वर्ग का बड़ा लाभार्थी वोटबैंक भाजपा के पास है, जबकि सपा की निर्भरता वादों पर है।