Vivah Panchami

विवाह पंचमी 6 दिसंबर को, भगवान श्रीराम व मां सीता की  करें पूजा, दूर होंगी परेशानियां

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मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी छह दिसंबर को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इसी तिथि को प्रभु श्रीराम व माता जानकी का विवाह हुआ था। सनातन धर्म मंदिर, फालका बाजार स्थित राममंदिर सहित अन्य मंदिरों में विवाह पंचमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। ज्योतिषाचार्य सुनील चौपड़ा ने बताया कि पंचमी को श्रीराम व माता सीता की पूजा अर्चना करने से दांपत्य जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही शादी में आ रही सभी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।

विवाह पंचमी पर शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि पांच दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 49 मिनिट से शुरू होगी और छह दिसंबर को दोपहर 12 बजकर सात मिनिट पर समाप्त होगी।

क्यों नहीं करते इस दिन विवाह
विवाह पंचमी को लेकर कुछ मान्यताएं हैं, जिनकी वजह से इस दिन विवाह करना अशुभ माना जाता है। हालांकि भगवान राम और माता सीता का विवाह हिंदू धर्म में आदर्श माना जाता है, फिर भी उनके जीवन में संघर्षों की भरमार रही। विवाह के बाद श्रीराम और सीता को 14 साल का वनवास झेलना पड़ा। माता सीता को अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ा। इसके बाद श्रीराम ने अपनी गर्भवती पत्नी सीता को केवल धार्मिक कारणों से वन में छोड़ दिया। मान्यता है कि विवाहित जीवन में इतनी कठिनाइयां थीं, इसीलिए इस दिन विवाह नहीं करना चाहिए।

विवाह पंचमी पर पूजा विधि
विवाह पंचमी के दिन घर के पूजास्थल की गंगा जल से सफाई करें। एक चौकी लें और उस पर नया लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर भगवान राम और माता सीता की मूर्तियों को विराजमान करें। इसके बाद दोनों को पीले फूल अर्पित करें। एक थाली में घी का दीपक जलाकर रखें। पूजा के अंत में भगवान राम और माता सीता की आरती करें। मान्यता है कि इस तरह विधिवत पूजा करने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

राममंदिर में तैयारियां शुरू
फालका बाजार स्थति राम मंदिर में विवाह पंचमी को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके अलावा अन्य मंदिरों में भी तैयारियां हो रही हैं। इसदिन भगवान श्रीराम व माता जानकी का विशेष श्रंगार किया जाएगा और पूजा अर्चना की जाएगी।

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