आंध्रा में विपक्ष को दबाने को हिंसा का इस्तेमाल :: जगन मोहन

आंध्रा में विपक्ष को दबाने को हिंसा का इस्तेमाल :: जगन मोहन

Violence is being used to suppress

Violence is being used to suppress

( अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )

नई दिल्ली : Violence is being used to suppress:  सिर्फ 50 दिनों में यह सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, जिससे जनता में भय व्याप्त है। वे 7 महीने तक लेखानुदान पर निर्भर रहकर पूर्ण बजट भी पेश नहीं कर सके, जिससे उनकी वादे पूरे करने में असमर्थता उजागर हुई है। सवालों से डरकर चंद्रबाबू नायडू की सरकार ध्यान भटकाने के लिए अराजकता फैलाती है, विपक्ष को दबाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करती है।

वर्तमान विधानसभा में केवल दो पक्ष हैं: सत्ता पक्ष और विपक्ष। हमारी पार्टी को विपक्ष के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए, लेकिन सरकार को इससे डर लगता है। हमें मान्यता देने का मतलब है हमें विधानसभा में बोलने का अधिकार देना, जिससे वे बचना चाहते हैं। सत्ता में 50 दिन होने के बावजूद चंद्रबाबू नायडू डर के साए में शासन कर रहे हैं। लोकतंत्र की हत्या करने के उनके प्रयास हमें शिशुपाल के पापों की याद दिलाते हैं, जो दर्शाता है कि उनके हिसाब का दिन निकट है।

मैं अपनी पार्टी के विधायकों, एमएलसी और नेताओं के साथ 24 तारीख को राज्य के कुशासन, राजनीतिक हत्याओं और हिंसा को उजागर करने और विरोध करने के लिए दिल्ली आया हूँ कहा।  
 
हम आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की वकालत करेंगे और समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

  * देश के अनेक राजनीतिक दल पहुंचे धरने का समर्थन किया *

देश की राजधानी नई दिल्ली के जंतर मंतर पर हो रही अराजकता और हत्या जैसी घटनाओं कोप्रदर्शनी मेंवीडियो से लेकर फोटोग्राफ्स तक इस धरने में पहुंचे .अनेक नेताओं ने देख कर कहा किजीजा तेलुगू देशम का प्रधान मुख्यमंत्री है साली बीजेपी राज्य की अध्यक्षा है  और जनसेना पार्टी के पवन को आंध्र के लोग जानते हैं यह तेलुगू रेशम का बहुरूपिया जैसा है राज्य में जिस तरह से हत्या तोड़फोड़ ल आगजनी अराजकता हैयह सब देखने के बाद यह तीनों पार्टी ना तो मुंह खोलकर बात कर रहे हैं नाही इस स्थिति का स्ट इंक्वारी करना चाहती है हम इस पूरे वारदातों के ऊपर सीबीआई की जांच मांग रहे हैं तथा अपराधियों को सजाया कठोर से कठोर सजा मिलना चाहिए कहा इस प्रदर्शनी में पहुंचे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता की के नेता समाजवादी पार्टी के नेता शिवसेना पार्टी के नेता तथा केरल तमिलनाडु और कर्नाटक से भी कई नेता आएइन्होंने इस प्रदर्शनी को देखने के बाद मणिपुर के बाद दूसरा राज्य आंध्र प्रदेश जैसा हालत है उसे तुलना कियाऔर एक गंभीर विषय है तत्काल यहां पर राष्ट्रपति शासन लगाकर स्थिति को सामान्य लाने के लिए इन सारे वारदातों के ऊपर सीबीआई की जांच की जरूरत कहा ।