Violation of rules related to pollution openly in GMSH-16

जीएमएसएच-16 में सरेआम प्रदूषण से जुड़े नियमों का उल्लंघन: बायो-मेडिकल वेस्ट ठिकाने लगाने को नहीं पॉलीथीन बैग !

Violation of rules related to pollution openly in GMSH-16

Violation of rules related to pollution openly in GMSH-16

Violation of rules related to pollution openly in GMSH-16- चंडीगढ़I चंडीगढ़ के अस्पतालों में बायो-मेडिकल वेस्ट रुल लागू करने के लिये भले ही एनजीटी व प्रदूषण कंट्रोल कमेटियों ने निर्देश जारी कर रखे हों लेकिन अस्पताल इससे जुड़े नियमों का पालन नहीं कर रहे। बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 का सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है। वो भी शहर के प्रमुख अस्पताल गवर्नमेंट मल्टी स्पेशियेल्टी अस्पताल-सेक्टर 16 द्वारा। हाल ही में एक हैरतंगेज खुलासा हुआ कि इस अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाना तो दूर, सेग्रीगेशन, प्रोसेसिंग, ट्रीटमेंट और इसके डिस्पोजल के लिये सेनीटेशन स्टोर में पोलीथीन बैग तक नहीं हैं। ऑडिट की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इनके बगैर अस्पताल बायो-मेडिकल वेस्ट को कैसे ठिकाने लगाता होगा, यह समझना मुश्किल नहीं।

पर्यावरण के मद्देनजर अस्पतालों के बायो-मेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाने के लिये अस्पतालों में अलग-अलग रंगों के डस्टबीन रखे गये हैं। इनमें पड़े कूड़े को अलग-अलग रंगों के पॉलीथीन बैगों में एकत्रित करना होता है ताकि इंसीनरेटर तक इन्हें सुरक्षित तरीके तक ले जाया जा सके। वेस्ट सेग्रीगेशन के लिये अलग-अलग कलर कोड प्रयोग किये जाते हैं। बायो-हैजार्ड वेस्ट के लिये रैड, रेडियोएक्टिव वेस्ट के लिये येलो, नॉन हैजार्ड्स वेस्ट के लिये ब्लू एंड व्हाइट और हैजार्ड्स वेस्ट  के लिये ब्लैक पॉलीथीन का प्रयोग होता है।

ऑडिट विभाग ने जांच के दौरान पाया कि अस्पताल में इन विभिन्न कलर के पॉलीथीन बैग ही सेनीटेशन विभाग में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में अस्पताल कैसे बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 को फॉलो कर रहा होगा, आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। आरटीआई कार्यकर्ता और  सामाजिक संगठन सैकेंड इनिंग एसोसिएशन के आरके गर्ग के अनुसार शहर का एक बड़ा अस्पताल जो खुद में बड़े बड़े दावे करता रहा है, किस तरह से एनजीटी और पर्यावरण प्रदूषण से जुड़े मुद्दों का घोर उल्लंघन करता रहा है, यह इस बात का जीता जागता नमूना है। अस्पताल में अगर अफसर इतनी जरूरी चीजें भी मुहैया नहीं करा सकते तो उन्हें अपने पदों से रिजाइन कर देना चाहिए।

कई तारीखों पर मिसिंग थे पॉलीथीन बैग, कोविड 19 के दौरान भी था यही हाल

ऑडिट विभाग ने पाया कि 18 गुणा 24, ब्लू साइज के पॉलीथीन 1 जून 2021 से 10 अगस्त 2021 और 22 फरवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक उपलब्द नहीं थे। इसके बाद 1 अप्रैल 2022 से 14 फरवरी 2023 तक और फिर 6 दिसंबर 2023 से 17 मार्च 2024 तक भी यह स्टोर में नहीं थे।

इसी तरह ग्रीन कलर के इसी साइज के पॉलीथीन 1 अप्रैल 2021 से लेकर 10 अगस्त 2021, 30 अप्रैल 2022 से 14 फरवरी 2023, 22 नवंबर 2023 से 17 मार्च 2024 तक और उपलब्ध नहीं रहे। इसी साइज के रैड कलर के पॉलीथीन 16 जुलाई 2021 से 16 अगस्त 2021 तक, 30 अप्रैल 2022 से 14 फरवरी 2023, 16 अक्टूबर 2023 से 17 मार्च 2024 तक उपलब्ध नहीं थे। येलो साइज के पॉलीथीन भी 17 अप्रैल 2021 से 10 अगस्त 2021, 28 अप्रैल 2022 से 14 परवरी 2023, 25 अगस्त 2023 से 17 मार्च 2024 तक नहीं थे। ग्रीन कलर के पॉलीथीन जिनका साइज 40 बाय 40 था भी 1 अप्रैल 2021 से लेकर 10 अगस्त 2021, 15 नवंबर 2022 से 31 मार्च 2023, 1 अप्रैल 2023 से 30 अप्रैल 2023, 12 अक्टूबर 2023 से 17 मार्च 2024  तक स्टोर में उपलब्ध तक नहीं थे। इसी साइज में रैड  कलर के पॉलीथीन 23 दिसंबर 2023 से लेकर 11 मार्च 2024 तक अस्पताल के स्टोर में नहीं थे। येलो कलर में भी इस साइज के पॉलीथीन 25 मई 2023 से लेकर 18 जून 2023 और 17 अक्टूबर 2023 से लेकर 11 मार्च 2024 तक उपलब्ध नहीं थे।

जब ऑडिट ने इस बड़ी लापरवाही को लेकर अस्पताल प्रशासन से जानकारी मांगी तो जवाब दिया गया कि पॉलीथीन बैग की प्रोक्योरमेंट की जा रही है हालांकि अभी तक यह नहीं बताया गया है कि पॉलीथीन खरीद लिया गया है या नहीं। यहां बता दें कि 2021 से लेकर 2022 में भी कुछ महीनों तक कोविड 19 को लेकर प्रशासन की पाबंदियां रही और इसी दौरान में यह घोर लापरवाही अस्पताल प्रशासन की ओर से होती रही। बता दें कि अस्पताल में उस वक्त कोविड के स्पेशल आइसोलेशन वार्ड भी बनाये  गये थे। प्रशासन के पास जरूरी सामान तक मुहैया नहीं था।