Vice Chancellor accused of patronizing corruption

वाइस चांसलर पर भ्रष्टाचार को संरक्षण के आरोप, वरिष्ठ सिंडिकेट सदस्यों ने कहा, वीसी की छवि भी क्लीन नहीं

VC-Punjab-University

Vice Chancellor accused of patronizing corruption

अर्थ प्रकाश/साजन शर्मा

चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी (Punjab University) की सोमवार को हुई सिंडिकेट बैठक (Syndicate Meeting)  भ्रष्टाचार को लेकर खूब हंगामा हुआ। वाइस चांलसर पर आरोप लगे कि वह भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रहे हैं और उनकी छवि खुद क्लीन नहीं है। वरिष्ठ सिंडिकेट सदस्यों ने यह आरोप लगाये। कुछ सदस्य यहीं नहीं रुके। सतपाल जैन ने लॉ की छात्रा के यूएमसी कमेटी के फैसले को पलटने का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि इस छात्रा के मामले में सजा के फैसले को जैसे पलटा गया उसमें कहीं न कहीं भ्रष्टाचार हुआ है। पीयू कैलेंडर (PU Calendar) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें फैसला बदला जाए। पीयू रेगुलेशन किसी प्रकार की अपील की इजाजत नहीं देता। वाइस चांसलर राजकुमार (Vice Chancellor Rajkumar) ने दूसरी कमेटी गठित कर मामले में नई परंपरा क्यों शुरू की? इसकी जांच होनी चाहिए। सिंडिकेट ने वाइस चांसलर के लिए नई कार खरीदने के प्रस्ताव को भी रुकवा दिया। कहा गया कि उन्हें तीन कारों में से एक ही अपने पास रखनी चाहिए। मीटिंग में इस कदर तल्खी बढ़ी कि कुलपति को मीटिंग स्थगित कर जाना पड़ा। कुछ सदस्यों के दखल के बाद मीटिंग को जारी रखा गया और किसी तरह से एजेंडा पर आगे काम हुआ।

सतपाल जैन वाइस चांसलर पर निशाना साधने के मामले में अकेले नहीं थे। सिंडिकेट सदस्य एसएस संघा और देवेश मौदगिल ने भी यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार (corruption in university) को लेकर खूब हो हल्ला किया। इस दौरान कई सदस्य चुपचाप रहे। कुछ सिंडिकेट सदस्य जरूर वीसी के समर्थन में उतरे। बैठक में 24 दिसंबर को सिंडिकेट के चुनाव कराने का फैसला हुआ। फैकल्टी डीन के चुनाव 30 जनवरी को होंगे और 30 दिसंबर को सीनेट बुलाई जाएगी। सेंट्रल सर्विस रूल्स को फालो करते हुए बैठक में टीचर्स की रिटायरमेंट ऐज 60 से बढ़ाकर 65 करने का प्रस्ताव लाया गया। 

इस दौरान कालेजों व विभागों में गेस्ट फैकल्टी (Guest faculty) के लिये मानदेय को यूजीसी  (UGC) के नियमानुसार बढ़ाने को हरी झंडी दे दी गई। अब प्रति लेक्चर गेस्ट फैकल्टी को 1500 रुपये मिलेंगे और एक माह में अधिकतम 50 हजार दिये जा सकेंगे। इसे फाइनल अप्रूवल के लिए बोर्ड आफ फाइनेंस को भेजा जाएगा। नॉन-टीचिंग कर्मचारियों (Non-teaching staff) की प्रमोशन को लेकर रोस्टर पर पंजाब सरकार की राय लेने पर रजामंदी बनी। सभी सीनेटरों को अलॉट की गयी फैकल्टी को सिंडिकेट (Syndicate) ने मंजूरी दे दी। बैठक में रिसर्च एंड इनोवेशन एवं स्टार्टअप्स के लिये दिये जाने वाले फंड में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया गया। डूडिके (मोगा) में बीएड कालेज (B.Ed College) को एफिलिएशन देने का फैसला लिया गया। 

प्रशासन के खिलाफ एबीवीपी का प्रदर्शन / ABVP protest against administration

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर मीटिंग से पहले प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने सिंडिकेट सदस्यों को ज्ञापन सौंपे। ज्ञापन में एबीवीपी ने स्टूडेंट्स कौंसिल के प्रधान और यूआईएलएस के छात्र आयुष खटकड़ के दाखिलों को लेकर गठित की गई फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट को भी साथ लगाकर मांगपत्र सौंपा। एबीवीपी (ABVP) इकाई उपाध्यक्ष रजत पुरी ने बताया कि यूआईएलएस (UILS) के फर्जीवाड़े को लेकर एबीवीपी पिछले काफी लंबे से आंदोलनरत है। पीयू प्रशासन को इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करवाने हेतु फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन करना पड़ा। दो दिन पहले कमेटी की रिपोर्ट जब शिकायकर्ता को दी जाती है तो उस रिपोर्ट में स्पष्ट पता चलता है को फर्जीवाड़े में मेरिट को नजरअंदाज करते हुए आयुष खटकड़ को दाखिला दिया गया। डिपार्टमेंट द्वारा आरक्षित वर्ग की सीट को सामान्य वर्ग में बदलने से पूर्व डीयूआई से भी कोई अनुमति नहीं ली गई। एबीवीपी ने सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

एसएफएस भी उतरी मैदान में / SFS also entered the fray

पीयू में होने वाली 53 फैकल्टी की भर्ती को लेकर स्टूडेंट्स फार सोसायटी (SFS) ने इंटरव्यू (Interview) की जगह लिखित परीक्षा की वकालत की। छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें अंदेशा है कि इंटरव्यू के बहाने यहां एक सोच के लोगों को ही लाया जाएगा जिससे योग्य लोग नहीं चुने जा सकेंगे।

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