ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के लिए बड़ा फैसला; वाराणसी कोर्ट ने व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी, जिला मजिस्ट्रेट को यह आदेश
Varanasi Court Permission To Worship In Gyanvapi News Update
Gyanvapi Mandir-Masjid Case: ज्ञानवापी केस में वाराणसी कोर्ट ने हिंदू पक्ष के लिए बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने तहखाने में पूजा को लेकर जिला मजिस्ट्रेट को उचित व्यवस्था करने के लिए आदेश जारी किया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि, विवादित तहखाने में पूजा के उद्देश्य से सात दिनों के भीतर लोहे की बाड़ आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि, वादी तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा नाम निर्दिष्ट पुजारी से तहखाने में मूर्तियों की पूजा, उनका राग-भोग कराएं।
सभी को पूजा करने का अधिकार होगा...
ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमने ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास तहखाने में पूजा की मांग वाराणसी कोर्ट से की थी। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हिंदू पक्ष को व्यास तहखाना में पूजा करने की इजाज़त दे दी गई है। इसके लिए जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर व्यवस्था करनी होगी। विष्णु शंकर जैन का कहना है कि पूजा सात दिनों के भीतर शुरू होगी। सभी को पूजा करने का अधिकार होगा। वहीं जैन ने कहा कि हम इलाहाबाद हाई कोर्ट में कैविएट फाइल करेंगे। अगर कोर्ट इसकी सुनवाई करेगा तो हम वहां पर तैयार रहेंगे। फिलहाल वाराणसी कोर्ट का यह फैसला हिंदू पक्ष की बड़ी जीत है। हिंदू पक्ष में खुशी की लहर दौड़ गई है और हर-हर महादेव के नारे लग रहे हैं।
एएनआई के हवाले से वीडियो
ASI ने ज्ञानवापी सर्वे की फाइनल रिपोर्ट दी
ज्ञानवापी परिसर में विस्तृत सर्वे करने के बाद अभी पिछले दिनों ही ASI ने फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी। ASI ने सर्वे की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। ASI ने सर्वे के आधार अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, ज्ञानवापी मस्जिद मंदिर पर बनी हुई है। मस्जिद के नीचे मंदिर का ढांचा है। ASI ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद से पहले वहां एक विशाल और भव्य मंदिर रहा होगा। जिसे ध्वस्त कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, ज्ञानवापी मस्जिद मंदिर के खंबों के ऊपर ही बनी है। ज्ञानवापी में मंदिर की दीवारें मौजूद हैं। मंदिर के निशान मौजूद हैं।
ध्यान रहे कि, ज्ञानवापी मस्जिद और मंदिर विवाद प्रकरण की जब शुरुवात हुई तो इसे लेकर कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी में तीन दिन तक सर्वे चला था। जिसमें हिन्दू पक्ष की ओर से मस्जिद के वज़ू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था और साथ ही देवी-देवताओं के साक्ष्य मिलने की बात कही गई थी। हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग को फव्वारा बताया था। मुस्लिम पक्ष लगातार ज्ञानवापी को मस्जिद बता रहा है लेकिन लंबे सर्वे के बाद ज्ञानवापी में मंदिर ही होने के सबूत मिल रहे हैं। पता रहे कि, ज्ञानवापी केस में वाराणसी कोर्ट के साथ-साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई हो चुकी है।