कंपनी के नाम पर दंपति से 3 करोड़ की धोखाधड़ी, ठगी का अनोखा खेल करेगा हैरान
Factory Mortgaged in Bank
हरिद्वार: Factory Mortgaged in Bank: शहर में धोखाधड़ी का एक नया मामला सामने आया है. बैंक में गिरवी रखी गई सिडकुल की एक औद्योगिक इकाई के स्वामी पर अपने परिजनों के साथ मिलकर नोएडा यूपी के दंपति को कंपनी बेचने के नाम पर 2.90 करोड़ की रकम ठगने का आरोप है. रकम वापस मांगने पर दंपति को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई. पीड़ित पक्ष की शिकायत पर सिडकुल पुलिस ने इस संबंध में भूखंड स्वामी, उसके पुत्र और पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
कंपनी बेचने के नाम पर 3 करोड़ की ठगी का आरोप: हरिद्वार एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल को दिए प्रार्थना पत्र में धवल खन्ना पुत्र अनिल खन्ना निवासी 2ए 2 103, सिल्वर सिटी सेक्टर 93ए नोएडा यूपी ने बताया कि उनकी पत्नी साक्षी खन्ना, रिश्तेदार प्राची खन्ना के साथ मिलकर सिडकुल की कम्पीटैंट पेकेजिंग इंडस्ट्रीज प्लॉट नंबर 232 सी सेक्टर सात के स्वामी और अन्य लोगों से औद्योगिक इकाई को लेकर लीज राइट ट्रांसफर-सेल डीड की बाबत सौदा 2.90 करोड़ में तय हुआ था.
रजिस्ट्री सेल डीड के नाम पर फर्जीवाड़ा: उन्होंने 85 लाख नकद में भुगतान किया था. दो करोड़, पांच लाख रुपये बैंक खातों में ट्रांसपर किए थे. इस बाबत 27 जून 2023 और 10 जुलाई 2024 को इकरारनामा तय हुआ था. आरोप है कि उन्हें बताया गया था कि संपत्ति बैंक में बंधक नहीं है. अगस्त 2023 तक रजिस्ट्री-सेल डीड होना तय हुआ था. पूरा भुगतान कर देने के बाद भी उनके नाम पर रजिस्ट्री-सेल डीड नहीं की गई. उसके बाद सामने आया कि संपत्ति को बैंक में गिरवी रखा गया है, इसलिए रजिस्ट्री-सेल डीड नहीं हो सकती है.
हत्या की धमकी देने का भी आरोप: धवल खन्ना का आरोप है कि सेल डील के लिए झूठे दस्तावेज का सहारा लेकर धनराशि ले ली गई. आरोप है कि जुलाई 2024 में मीटिंग के नाम पर बुलाकर अपने दो अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर हत्या की धमकी भी दी गई. इसके साथ ही ये भी आरोप है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर सेल डीड में किए गए हैं.
जानकारी देते हुए हरिद्वार के रानीपुर के एसओ मनोहर सिंह भंडारी ने बताया कि-
धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है. इस संबंध में दंपति, उनके पुत्र के खिलाफ प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. फिलहाल जांच चल रही है. जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.
-मनोहर सिंह भंडारी, एसओ, रानीपुर, हरिद्वार-
जमीन-जायजाद खरीदते समय ये सावधानियां बरतें: उत्तराखंड में जमीन-जायजाद के फर्जीवाड़े के अनेक मामले सामने आ रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि किसी के साथ जमीन-जायदाद से जुड़े मामले में फ्रॉड न हो, इसके लिए सावधानी बरतना जरूरी है. पुलिस के मुताबिक, अगर आप जमीन-जायजाद ले रहे हैं, तो नीचे लिखी बातों का खास तौर पर ध्यान रखें.
इन बातों का ध्यान रखें
- अगर आप कोई मकान, दुकान, प्लॉट या फ्लैट खरीद रहे हैं, तो सबसे पहले एक अच्छे वकील या अपने परिचित वकील से संपर्क जरूर करें.
- हर प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज जरूर करवा लें. इस बात को वेरीफाई कर लें कि आपको दिए गए कागज सही हैं या नहीं.
- जमीन के खसरा नंबरों की तहसील से प्रमाणित खतौनी जरूर हासिल करें. चेक करें कि इसमें विक्रेता का नाम जरूर हो. साथ ही विक्रेता की पहचान की पुष्टि भी कर लें.
- जमीन का राजस्व अभिलेखों और मौके का मिलान जरूर कर लें. जिस संपत्ति को खरीदना है, उसकी दिशाओं को आस पड़ोस में अच्छी तरह पुष्टि करा लें. अभिलेखों में ये भी जांच लें कि विक्रेता के नाम जमीन अवशेष है या नहीं.
- बैंक और पंजीयन कार्यालय से संबंधित जमीन पर कोई लोन तो नहीं है, इसकी जानकारी लें. साथ ही लोन मुक्त होने का प्रमाण पत्र भी अवश्य लें.
- वहीं, eregistrationukgov.in की साइट पर जाकर जमीन के क्रय-विक्रय पर किसी कोर्ट से कोई रोक तो नहीं है, इसकी पुष्टि कर सकते हैं.
- जमीन खरीदने के बाद अपना नामांतरण या कब्जा तत्काल राजस्व अभिलेखों पर खतौनी में करा लें. जमीन का उप निबंधक कार्यालय में पंजीयन से पहले बाउंड्री वॉल भी करा लें.
- ये भी जांच लें कि जो जमीन खरीदी है, उसी जमीन पर ही कब्जा दिया गया है या नहीं. साथ ही जमीन गोल्डन फॉरेस्ट, टी स्टेट और पर्ल ग्रुप कंपनी आदि की न हों.
- जल्दबाजी में किसी भी कागज पर साइन न करें. कागजों को पूरा पढ़ें और मौके पर जाकर जमीन देखें. किसी अनजान प्रॉपर्टी डीलर पर तब तक भरोसा न करें, तब जब तक उसकी विश्वसनीयता आपको पता न लग जाए.
- जमीन के मुख्य मालिक से आप खुद ही मुलाकात करें. बिचौलिए की बातों में बिल्कुल न आएं. जरा सा भी फ्रॉड होने की आशंका होने पर तत्काल पुलिस या रजिस्ट्री ऑफिस से संपर्क साधें.