उत्तराखंड में ग्लेशियर फटा; गृह मंत्री से लेकर रक्षा मंत्री तक अलर्ट मोड में, कई लोगों के दबने की सूचना, सेना-NDRF को भेजा गया

Uttarakhand Glacier Burst Near Mana Village Chamoli District News

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Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास ग्लेशियर फटने की घटना हुई है। जिसके बाद उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया है। दरअसल, ग्लेशियर फटने से हुए हिमस्खलन में कई लोगों के फंसने और दबने की सूचना आ रही है। इस घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर रक्षा मंत्री तक अलर्ट मोड में है। वहीं उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार राहत-बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं।

धामी ने आपदा परिचालन केंद्र पहुंच अधिकारियों से हिमस्खलन की घटना (Chamoli Glacier Burst) की गहन जानकारी ली है। बताया जाता है कि, जहां पर ग्लेशियर फटने के बाद हिमस्खलन हुआ है। वहां BRO द्वारा निर्माण कार्य चल रहा था। जहां इस हिमस्खलन से BRO का GREF कैंप प्रभावित हुआ है। वहीं निर्माण कार्य के दौरान काम में लगे वहां कई कर्मी फंसे हुए बताए जा रहे हैं।

सीएम धामी ने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर बताया, ''जनपद चमोली में माणा गांव के निकट BRO द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ITBP, BRO और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जा रहा है। भगवान बदरी विशाल से सभी श्रमिक भाइयों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।''

गृह मंत्री ने कहा- सभी को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ''उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, DG ITBP और DG NDRF से बात की। हादसे में फँसे लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है। स्थानीय प्रशासन बचाव कार्यों में पूरी तत्परता से लगा हुआ है। NDRF की दो टीमें भी जल्द ही घटना स्थल पर पहुँच रही हैं।''

रक्षा मंत्री ने कहा- सेना भी बचाव कार्य में लगी

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ''जोशीमठ (उत्तराखंड) के माणा क्षेत्र में आज दुर्भाग्यपूर्ण हिमस्खलन हुआ है, जिससे BRO का GREF कैंप प्रभावित हुआ है। स्थिति के बारे में CM श्री @pushkardhami से बात की। प्रशासन प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। स्थानीय सेना इकाइयों द्वारा बचाव कार्य भी जारी है। सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके फंसे हुए कर्मियों को बचाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं।''