तिहरे हत्याकांड में थानाध्यक्ष व हल्का इंचार्ज निलंबित, भाकियू ने लगाए थे लापरवाही बरतने के आरोप
Fatehpur Triple Murder Case
फतेहपुर। Fatehpur Triple Murder Case: फतेहपुर जिले के हथगाम थाना अंतर्गत अखरी गाँव में चुनावी दुश्मनी की वजह से हुए तीन लोगों की हत्या के मामले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) धवल जायसवाल ने सख्त कदम उठाया है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के रविवार को गाँव आने से ठीक पहले, एसपी ने थानाध्यक्ष निकेत भारद्वाज और हल्का इंचार्ज रविंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
इस सनसनीखेज घटना के बाद, स्थानीय भाकियू नेताओं ने पुलिस पर शवों का पोस्टमार्टम कराने में देरी करने का आरोप लगाया था। इसके विरोध में कानपुर-प्रयागराज राजमार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया गया, और पुलिस कर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी।
एसपी का निलंबन आदेश
एसपी धवल जायसवाल ने स्पष्ट किया कि अखरी मामले में पुलिस का सूचना तंत्र कमजोर रहने के कारण थानाध्यक्ष और हल्का इंचार्ज के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। उनका मानना है कि पुलिस को समय रहते सही जानकारी नहीं मिल पाई, जिसके चलते यह घटना हुई।
क्या था मामला
हथगाम थाने के अखरी गाँव में 8 अप्रैल की सुबह ग्राम प्रधान रामदुलारी के किसान नेता बेटे विनोद सिंह, छोटे बेटे अनूप सिंह और पौत्र अभय प्रताप सिंह पर ताबड़तोड़ दस राउंड गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पुलिस ने देर रात तीनों शवों का पोस्टमार्टम कराया था।
कार्यकर्ताओं का विरोध
देर रात पोस्टमार्टम कराने से नाराज भाकियू टिकैत गुट के जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर कार्रवाई की मांग को लेकर हाईवे जाम कर हंगामा व प्रदर्शन किया था। एएसपी विजयशंकर मिश्र ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन देकर भाकियू कार्यकर्ताओं को शांत करा दिया था।
आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस ने मुख्य आरोपी पूर्व प्रधान सुरेश उर्फ मुन्नू सिंह समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, और एक आरोपी की बेटी के घर को बुलडोजर से ढहा दिया गया था।
सूचना तंत्र कमजोर
एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि अखरी के दो परिवारों के बीच चुनावी रंजिश चल रही थी। इसके बाद भी थानाध्यक्ष और हल्का इंचार्ज की नजर इनकी गतिविधियों पर नहीं थी। सूचना तंत्र कमजोर होने के कारण इन पर कार्रवाई की गई है।
हिस्ट्रीशीट न बनाने पर चर्चा
मुख्य आरोपी पूर्व प्रधान सुरेश उर्फ मुन्नू सिंह पर हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट जैसे नौ मुकदमे दर्ज हैं। लेकिन पूर्व प्रधान पर सत्तापक्ष का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने की वजह से पुलिस मेहरबान रही। गंभीर तरह के नौ मुकदमे होने के बाद भी हथगाम पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट नहीं बनाई थी। इस समय ये जमानत पर छूटा था। इससे चर्चा रही कि हिस्ट्रीशीट न बनाने पर निलंबन की गाज गिरी है।