‘नाम मुस्कान काम खतरनाक’, लखनऊ में करती थी हथियारों की डिलीवरी; पास में मिली 4 पिस्टल और 7 मैगजीन

Name Muskan Kaam Dangerous

Name Muskan Kaam Dangerous

लखनऊ: Name Muskan Kaam Dangerous: राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन पर मेरठ से पहुंची रोडवेज बस में सवार एक संदिग्ध महिला को एसटीएफ ने पकड़ा है. महिला के पास 4 पिस्टल बरामद हुई हैं. दरअसल, मेरठ रीजन के सोहराब गेट डिपो की बस बुधवार की सुबह कैसरबाग पहुंचने वाली होती है कि अचानक कई लोग बस के अंदर इंटर करते हैं और एक महिला को धर दबोचते हैं. इससे बस में सवार यात्रियों में हड़कंप मच जाता है. कुछ ही देर में पता चलता है कि एसटीएफ की टीम ने महिला को दबोचा है. महिला असलहा तस्कर गिरोह की सक्रिय सदस्य बताई जा रही है. बाद में उसकी पहचान जौनपुर के रुदौली की रहने वाली मुस्कान तिवारी के रूप में हुई. वजीरगंज थाने में उससे पूछताछ की जा रही है.

बस के चालक और परिचालक मुकेश व जाहिद ने बताया कि महिला मेरठ से बस में सवार हुई थी. महिला ने पहले तो बुर्का पहन रखा था, लेकिन रास्ते में बुर्का उतार दिया और चेहरे पर मास्क लगाकर सफर कर रही थी. मेरठ से लखनऊ तक का 425 रुपए का टिकट भी लिया था. कैसरबाग पर सुबह पौने सात बजे बस पहुंची थी तो पहले ही शायद एसटीएफ को इसकी जानकारी रही होगी, इसलिए महिला टीम के साथ कई एसटीएफ के जवान बस में दाखिल हुए और महिला को अपने साथ ले गए.

एसटीएफ की तरफ से जारी किए गए प्रेस नोट में बताया गया है कि अवैध असलहों और कारतूस की तस्करी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के पूर्वांचल में सक्रिय होने की सूचनाएं मिल रही थीं. इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों को अभिसूचना संकलन और कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था. एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह की टीम ने 20 नवंबर 2024 को गाजीपुर के बाराचवर थाना करीमुद्दीनपुर निवासी अंकित कुमार पाण्डेय और 15 दिसंबर 2024 को मुस्कान तिवारी और उसके साथी सत्यम यादव को दो पिस्टल के साथ सुल्तानपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

जेल से छूटने के बाद फिर से तस्करी करने लगी महिलाः एसटीएफ की तरफ से गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ से पता चला कि इस अन्तर्राज्यीय असलहा तस्कर गैंग का सरगना जौनपुर निवासी शुभम सिंह है. इस गैंग का नेटवर्क पंजाब, यूपी, बिहार, दिल्ली राज्यों में फैला हुआ है. शुभम सिंह के असलहा तस्कर गैंग के सदस्यों के संबंध में निरीक्षक अनिल कुमार सिंह ने अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की. इस दौरान पता चला कि पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजी गई मुस्कान तिवारी जमानत पर छूटने के बाद फिर से अपने गैंग से जुड़कर असलहा तस्करी में सक्रिय हो गई. इसी बीच विश्वस्त सूत्रों से पता चला कि मुस्कान तिवारी असलहों के साथ मेरठ से आ रही है. इस सूचना पर एसटीएफ वाराणसी की टीम जो अभिसूचना संकलन के लिए लखनऊ में थी. स्थानीय पुलिस और महिला पुलिसकर्मी को साथ लेकर कैसरबाग बस स्टेशन लखनऊ के पास पहुंची और मुस्कान तिवारी को गिरफ्तार कर लिया और असलहा बरामद किया.

50 हजार रुपये में डिलीवरी की डील हुई थीः मुस्कान तिवारी ने बताया कि सरगना शुभम सिंह ने योजना बनाई कि दो लोगों के एक साथ असलहा लेने के जाने पर पकड़े जा रहे हैं. अब आगे से गैंग के सदस्य अकेले ही असलहा लेने-देने के लिये जाएंगे. इसी क्रम में वह अकेले ही मेरठ असलहा लेने गयी. शुभम सिंह ने बताया था कि मेरठ में सोहराबगेट बस स्टेशन के पास एक लड़का चार पिस्टल लाकर देगा. इसके लिये उसे 50 हजार रुपये मिला था. प्रत्येक पिस्टल की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये है. इस पिस्तौल को जौनपुर के शाहगंज में लाकर देना था. इसी योजना के तहत वह मेरठ से पिस्टल लेकर बस से कैसरबाग बस स्टेशन पर आयी थी, जहां से शाहगंज के लिये बस पकड़नी थी. मुस्कान तिवारी ने पूछताछ के दौरान यह भी बताया कि पूर्व में कई बार कारतूस व असलहा लाकर शुभम सिंह के बताये स्थान पर दे चुकी है. गिरफ्तार महिला के खिलाफ लखनऊ के थाना वजीरगंज में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस कर रही है.