महाकुंभ भगदड़ के 2 दिन बाद प्रयागराज पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लगाए गए 24 अज्ञात मृतकों के पोस्टर
Photos of the dead put up in the Mortuary
Photos of the dead put up in the Mortuary: प्रयागराज मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में भगदड़ में मारे गए लोगों की शिनाख्त के लिए फोटो लगाई गई है. फोटो की पहचान करवाने के बाद ही उन्हें मोर्चरी के अंदर शव को दिखाया जा रहा है. लोगों का कहना है कि यहां पहले लगे फोटो से लापता लोगों की शिनाख्त कर रहे हैं.
बता दें कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. हादसे के बाद मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी के बाहर मृतकों की तस्वीरें लगाई गई हैं, ताकि उनके परिजन उन्हें पहचान सकें. प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, मृतकों के शवों को सीधे नहीं दिखाया जा रहा है.
यहां पर पहले मोर्चरी के बाहर लगाए गए फोटो से पहचान की जा रही है. जिन परिजनों को अपने लापता परिजन की तस्वीर मिल रही है, उन्हें ही अंदर शव की अंतिम पुष्टि के लिए जाने दिया जा रहा है. हादसे के बाद से ही कई परिवार अपने लापता परिजनों की तलाश में मोर्चरी पहुंच रहे हैं. वहां लगे फोटो देखकर वे अपनों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं.
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई और 60 लोग घायल हुए हैं. इस हादसे के बाद शासन-प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ बड़े बदलाव और नए आदेश जारी किए हैं. क्राउड मैनेजमेंट के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र से लेकर प्रयागराज कमिश्नरेट तक आने-जाने वालों के लिए बड़े परिवर्तन किए गए हैं.
इसमें नो व्हीकल जोन से लेकर वन-वे रूट का रूल तक शामिल है. पहले तमाम बड़े अधिकारियों, नेताओं, पदाधिकारियों की गाड़ियां स्नान की आधी रात और भोर तक संगम तक आ-जा रही थीं. महाकुंभ मेला क्षेत्र में मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या के बाद अब बाकी बचे तीन 'अमृत स्नान' वाले दिन और उसके एक दिन पहले तक कोई भी वीआईपी, वीवीआईपी मूवमेंट नहीं होगा. मेला प्रशासन ने 4 फरवरी तक सभी तरह के मूवमेंट और वीआईपी पास को भी निरस्त कर दिया है. अब कुंभ मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है.