लखनऊ में बड़ा हादसा, दुकानों में घुसा अनियंत्रित ट्रक, तीन लोगों की मौत और कई घायल

Major Accident in Lucknow

Major Accident in Lucknow

लखनऊ। Major Accident in Lucknow: इटौंजा-कुर्सी मार्ग पर स्थित महोना कस्बा में मंगलवार रात सड़क किनारे दुकानों में तेज रफ्तार ट्रक जा घुसा। हादसे में कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने दमकल कर्मियों की मदद से गंभीर रूप से घायल छह लोगों को ट्रक काटकर निकाला और इटौंजा सीएचसी पहुंचाया, जहां तीन को मृत घोषित कर दिया। वहीं तीन लोगों को ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। खबर लिखे जाने तक पुलिस रेस्क्यू कार्य चला रही थी।

हादसे से गांव में अफरा-तफरी

पुलिस ने बताया कि नगर पंचायत पर महोना कस्बा में सड़क किनारे नीरज की मोबाइल, राजकुमार की इलेक्ट्रॉनिक, मुन्ना चौरसिया की पान, मनीष की अंडा रोल, पिंटू की मकैनिक और सूरज की मिठाई की दुकान स्थित है। यह दुकानें लाइन से हैं। 

मंगलवार रात करीब नौ बजे सभी की दुकानों पर कोई न कोई मौजूद था। उसी दौरान तेज रफ्तार में ट्रक लाइन से सभी दुकानों में जा घुसते हुए बिजली खंभे में टक्कर मार दी। हादसे से गांव में अफरा-तफरी मच गई। 

खंभा क्षतिग्रस्त होने से बिजली भी चली गई। मौके पर पुलिस पहुंची तो उन्होंने भीड़ को हटाया और दमकल कर्मियों को बुलाया। उन्होंने कटर से काटकर ट्रक में और दुकान में फंसे लोगों को निकाला। 

पुलिस ने नीरज, राजकुमार, मुन्ना, मनीष, पिंटू, सूरज, दिनेश, शिवा, संजीव उर्फ संजू समेत अन्य को सीएचसी भेजा। यहां इलाज के दौरान 22 वर्षीय दिनेश, 18 वर्षीय संजीव और शिवा को मृत घोषित कर दिया। वहीं मनीष, नीरज समेत अन्य को ट्रामा सेंटर भेज दिया, जहां सभी की हालत गंभीर बताई जा रही है। 

हादसे के बाद लग गया ट्रैफिक जाम

दुकानों में ट्रक घुसने से अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने विरोध किया और सड़क पर आ गए, जिससे ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस ने सभी को हटाया और जेसीपी की मदद से ट्रक को हटाया और एंबुलेंस की मदद से सभी को अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद अन्य वाहन अपने गंतव्य को निकल सके।

मामा के घर आया था शिवा

परिजनों ने बताया कि शव मसपिपरी का रहने वाला था। मामा के यहां भागवत कथा सुनने के लिए आया था। देर शाम को गांव में घूमने के लिए निकला था। उसी दौरान हादसे का शिकार हो गया। मौत की खबर पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया।

पहले भी विभाग को चेताया

इटौंजा-कुर्सी मार्ग पर आए दिन हो रहे हादसों को लेकर दैनिक जागरण ने संबंधित विभागों को पहले भी चेताया। प्रमुख अंक में संबंधित हादसों को छापा, लेकिन विभाग के एक बार भी ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि एक फिर बड़ा हादसा हो गया।